कैथल, 4 मार्च ( ) विधायक लीला राम ने कहा कि क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर संभावित बाढ़ से बचाव हेतू 687.94 करोड़ रुपये से पम्प हाउस व भूमिगत पाईप लाईन बिछाई जाएगी, जिससे क्षेत्र के 11 गांवों को सीधा लाभ पहुंचेगा। कैथल के शहरी क्षेत्र में संभावित बाढ़ के पानी की निकासी के लिए पाईप लाईन बिछाकर पानी को देवीगढ़ लिंक ड्रेन में छोड़ने की योजना पर लगभग 217.89 लाख रुपये की राशि खर्च की जाएगी, जिससे क्षेत्र को बाढ़ के पानी से निजात मिलेगी।
उन्होंने कहा कि गांव जगदीशपुरा की कृषि भूमि को बाढ़ से संरक्षण हेतू कैथल ड्रेन में 92.48 लाख रुपये की पाईप लाईन बिछाई जाएगी, जिससे गांव जगदीशपुरा के लोगों के साथ-साथ गांव की लगभग 350 एकड़ कृषि योग्य भूमि का संभावित बाढ़ से बचाव हो पाएगा। गांव क्योड़क की लगभग 350 एकड़ कृषि भूमि का संभावित बाढ़ से बचाव हेतू बुर्जी संख्या 151900एल पर 65.48 लाख रुपये की राशि से पम्प हाउस बनाकर व भूमिगत पाईप लाईन बिछाकर बाढ़ के पानी को पुन: प्रयोग में लाया जाएगा। गांव सजूमा में संभावित बाढ़ के पानी को भूमिगत पाईप लाईन बिछाकर कैथल ड्रेन में छोड़ा जाएगा, जिस पर लगभग 45.66 लाख रुपये की राशि खर्च की जाएगी। इससे सजूमा क्षेत्र के लोगों के साथ-साथ लगभग 400 एकड़ कृषि भूमि को सीधा लाभ होगा।
विधायक लीला राम ने कहा कि गांव भानपुरा एवं गढ़ी की लगभग 150 एकड़ कृषि भूमि का संभावित बाढ़ से बचाव हेतू 37.2 लाख रुपये की राशि से बुर्जी संख्या 10350एल स्थित पुरानी मानस लिंक ड्रेन में बाढ़ के पानी को निस्तारित करने की योजना बनाई गई है। गांव धुंधरेहड़ी, दीवाल और सजूमा की कृषि भूमि को संभावित बाढ़ के पानी से बचाव के लिए 48.92 लाख रुपये की राशि से भूमिगत पाईप लाईन बिछाकर व पम्प हाउस बनाकर आरडी 73675एल कैथल ड्रेन में पानी छोड़ने की योजना बनाई गई है, इससे गांव धुधरेहड़ी, दीवाल और सजूमा की लगभग 250 एकड़ कृषि भूमि को सीधा लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि गांव ऊझाना की लगभग 400 एकड़ कृषि भूमि को संभावित बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करने के लिए 77.29 लाख रुपये की राशि से भूमिगत पाईप लाईन बिछाकर बाढ के पानी को कैथल ड्रेन में छोड़ने की योजना बनाई है। गांव धौंस की कृषि भूमि की बाढ़ से बचाव के लिए लगभग 103.02 लाख रुपये की राशि से पम्प हाउस व पाईप लाईन बिछाकर अमीन ड्रेन की बुर्जी संख्या 67000 में पानी को निस्तारण करने की योजना बनाई गई है। इससे क्षेत्र के लोगों के साथ-साथ लगभग 1700 एकड़ कृषि भूमि को सीधा लाभ मिलेगा।
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