कैथल (रमन), जहां एक और देश आजादी मिलने पर जश्न मना रहा था।वहीं दूसरी तरफ उसके पूरे देश के हाथ से पश्चिम पंजाब का एक बहुत बड़ा हिस्सा उनके हाथ से खिसक रहा था। जिसकी भनक आज देश को सुनाई पड़ती है। और उसका नाम है पाकिस्तान इस पर आगे बात करूं सबसे पहले देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का दिल की गहराइयों से धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने 75 साल के बाद ही सही 1947 की विभाजन की त्रासदी को याद तो किया कम से कम 14 अगस्त विभाजन विभीषिका दिवस को समर्पित किया हालांकि लोग इसे 1947 में भारत के विभाजन इससे जो आज पाकिस्तान से भारत के दूसरे हिस्से में आकर बस से के साथ ही जोड़ कर देखा जा सकता है जिन्होंने 1947 में अपनों को खोया अपनी जमीनें कोई जमीन जायदाद कोई अपनी विरासत के साथी इस विभाजन विभीषिका को जोड़कर देखा जा रहा है लेकिन प्रधानमंत्री का संदेश विभाजन त्रासदी तो पूरे देश के लिए है क्योंकि यह त्रासदी केवल उस समय के पंजाब के पंजाबियों के लिए ही नहीं कि यह त्रासदी तो पूरे भारत की थी उस विभाजन में भारत के हाथ से वह जमीन का हिस्सा पाकिस्तान में चला गया जिसने देश को व्यास ऋषि दिए और जहां पर हिंदुत्व ने जन्म लिया ग्रंथों की रचना हुई व्यास जी के काव्य लिखे गए उसी विभाजन में हिंदू सभ्यता भारत के खो गई उस विभाजन में केवल अरोड़ा या सिखों का कत्ल हुआ इसमें ब्राह्मण, जमीदार और 36 अपराधियों के लोगों का कत्लेआम हुआ था उसकी विभाजन में आपकी वह सुंदर वादियां और उससे उपजाऊ जमीन का हिस्सा चला गया तो यह विभाजन विभीषिका केवल अरोड़ा खत्री की नही रही है 14 अगस्त विभाजन विश्व का पूरे देश को एक साथ होकर मनानी चाहिए और सभी को जय जब भी दिन साथ लेनी चाहिए कि क्या अब भारत दूसरा कोई भाषा नहीं देखेगा विभाजन नौटंकी मैं यहां पूरे देश की तरफ से प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने विभाजन विभीषिका दिवस देकर कम से कम देश को उस राशि को याद रखने का मौका दिया और साथ ही इसमें जो संदेश आपने दिया कि यह त्रासदी भारत फिर ना देखें देश के हर नागरिक तक पहुंचाया लेकिन भारत का नागरिक इसे समझ नहीं पाया देश की सभी सरकारों को चाहिए कि यह संदेश हर जन तक जाए और विभाजन विशिका का मतलब सभी को पता चले अगर हम केवल पंजाबियों तक ही सीमित करते हैं तो यह केवल हरियाणा तक ही सीमित रह गई है विभाजन के समय आने वाले लोगों की बहुत बड़ी संख्या पंजाब दिल्ली उत्तराखंड राजस्थान पश्चिम उत्तर प्रदेश में भी है यहां विभाजन की गूंज सुनाई नहीं दे रही मेरा मानना है कि देश का नागरिक किसी भी पार्टी की विचारधारा से जुड़ा हो इससे उसे कोई प्रभाव नहीं पढ़ना चाहिए और जैसे देश में दिवाली का पर्व होली सभी मिलकर मनाते हैं ऐसे ही सभी को विभाजन विश्व का को साथ में मिलकर मनाना चाहिए एक होकर मनाना चाहिए राजनीति अपनी जगह है लेकिन देश के बारे में विचार देश के बारे में देश के लिए सोचना सबसे पहले होना चाहिए 14 अगस्त को हरियाणा के फतेहाबाद में विभाजन विशिका को लेकर बड़ा कार्यक्रम होने जा रहा है इस लेख के माध्यम से मैं प्रवीण सरदाना सभी जातियों आव्हान करता हूं कि यह सभी इस विभाजन विश्व में हिस्सा लें और खास तौर पर यह परिवार तो जरूर हाउस शामिल हैं जिन्होंने 1947 की तलाशी ली है खास तौर पर अपना ध्यान केवल हरियाणा तक ही सीमित रखते हुए कांग्रेसी विचारधारा रखने वाले नेताओं से भी आग्रह करूंगा की राजनीति से ऊपर उठकर समाज के लिए सभी को एक्टिव होना चाहिए सभी को विभाजन विश का में जरूर साथ होना चाहिए क्योंकि उनके परिवार ने इस राशि को छैला है मेरा उन नेताओं से भी सवाल है जो अपने आपको पंजाबी नेता कहते हैं कि कितनी बार उन्होंने अपने पूर्वजों को शहादत को नमन करते हुए और उन्हें सम्मान दिलाने के लिए सरकारों से बात की और आवाज उठाई मेरा यहां पर सभी पंजाबी नेताओं जो किसी भी पार्टी से जुड़े हुए हैं यह सवाल है कि सरकार ने 14 अगस्त विभाजन विश्व खाद दिवस हमको दिया है इसे कैसे बड़ा किया जाए क्या यह काम भी प्रधानमंत्री सरकारी करेगी क्या आपका और हमारा कोई फर्क नहीं अपने पूर्वजों को याद करने का उन्हें सम्मान देने का क्या इस पर किसी भी पार्टी के नेता के विचार भिन्न हो सकते हैं क्या आपको एक होकर अपनों को शहादत को नमन नहीं करना चाहिए भले ही आप अपने अंदाज में करें लेकिन इस दिवस को बनाएं जरूर विभाजन विश्व का 10 लाख से ज्यादा हिंदुओं का नरसंहार देखा है विश्व का सबसे अब तक का सबसे बड़ा नागरिक विस्थापन देखा हो इसमें दो करोड़ दो प्रभावित हुए भजन विश्व का उद्देश को कभी नहीं भूलना चाहिए हमारे आने वाली पीढ़ी भी उस विभाजन को याद रखें और उन्हें भी यह पता हो कि उनके पूर्वजों के साथ क्या हुआ था उन्हें पता होना चाहिए कि जो आज उन्हें शांति मिली है तो वह उनके पूर्वजों की कुर्बानी की वजह से मिली हैं उनको पता होना चाहिए कि उनके परिवार की महिलाओं ने कुएं में छलांग लगाई और अपनी जान देने सही समझी लेकिन अपनी इज्जत पाकिस्तानियों के हाथ को लूटने नहीं भी गर्व होना चाहिए हमें अपने आप पर कि हम उनके संताने हैं जिन्होंने सिर कलम करवाया अपनी शान समझा लेकिन कलमा पढ़ना कबूल नहीं किया हमें अपने खून के हर उस खतरे पर गर्व होना चाहिए जिन्होंने अपने पश्चिम की गर्मी से फिर अपने वजूद को खड़ा किया लेकिन किसी के आगे हाथ नहीं पिलाई बड़ा ही दुख होता है जब यह देखते हैं कि हमारे अपने ही किसी राजनीतिक पार्टी के छोटे-छोटे पद पाने के लिए अपनी एकता को ही राजनीति का बुरा बना देते हैं और अपनों के विरुद्ध खड़े हो जाते हैं कुछ भी तो बीते हुए सालों में 1947 में आए हुए उन भारतीयों को जातियों के नाम पर यहां तक कि अरोड़ा खत्री और वोट बैंक के लिए प्रयोग किया गया अब इन सब से ऊपर उठना उठने की जरूरत है साथ ही जरूरत है वोट बैंक की राजनीति खेलने वाली छूट भैया पार्टियों से रिचार्ज 14 अगस्त को वैसे तो देश के हम इससे में विभाजन बीच का दिवस अपने स्तर पर हर किसी के को मनाना चाहिए लेकिन फतेहाबाद में होने जा रहे जनसमूह के जुदा प्रदेश का हर नागरिक से खास बनाने के लिए अपनी आप सभी प्रतिवाद पहुंचना चाहिए और मुख्य अतिथि के रुप में प्रदेश के मुख्यमंत्री हरियाणा के विभाजन बिजली और महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के परिवार ने भी देखा है और इसकी पीड़ा ने उनका परिवार भी निकला है लेकिन हरियाणा के साथ उनके दिल्ली के उन परिवारों को आगे आना चाहिए कल फतेहाबाद में प्रदेश स्तरीय विभाजन विभीषिका समिति दिवस मनाया जा रहा है जिसमें मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर जी रहेंगे अध्यक्षता स्वामी धर्मदेव जी करेंगे कार्यक्रम के संयोजक प्रदेश अध्यक्ष सुभाष सुधा जी|
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