कैथल, 25 अप्रैल, एडीसी डॉ. बलप्रीत सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री परिवार उत्थान योजना के तहत आयोजित होने वाले चौथे चरण के मुख्यमंत्री अंत्योदय ग्राम उत्थान मेलों से पहले चयनित व्यक्तियों की प्री-मेला काउंसलिंग करने के निर्देश जारी किए थे, लेकिन संज्ञान में आया है कि कई विभाग प्री-काउंसलिंग कार्य में लापरवाही बरत रहे हैं। रिपोर्ट अनुसार अभी तक 4314 में से 2130 परिवारों की काउंसलिंग हुई है और 2184 परिवारों की प्री-काउंसलिंग पैंडिंग हैं। उन्होंने निर्देश जारी किए कि जिन विभागों ने इस कार्य में लापरवाही बरती हैं, उन विभागों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए।
एडीसी डॉ. बलप्रीत सिंह लघु सचिवालय के सभागार में मुख्यमंत्री परिवार उत्थान योजना के दृष्टिगत संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री परिवार उत्थान योजना का उद्देश्य जरूरतमंद लोगों का उत्थान करना है। सभी विभाग पूरे तालमेल से कार्य करें, ताकि जरूरतमंद लोगों को लाभ प्रदान किया जा सके। उन्होंने एलडीएम को निर्देश जारी किए कि बैंकर्स 7 दिन के अंदर-अंदर लोन प्रक्रिया को पूरा करें तथा 30 अप्रैल तक पैंडिंग 1310 आवेदनों का भी निपटान किया जाए। इस कार्य में कोई भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
एडीसी ने कहा कि इस योजना की मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वयं समीक्षा करते रहते हैं। सभी संबंधित अधिकारी विशेष फोकस रखकर चयनित व्यक्तियों को लाभ दिलवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि जो भी पात्र व्यक्ति लोन के लिए आवेदन करता है, तो उसकी तमाम प्रक्रिया को अधिकारियों एवं कर्मचारी पूरा करवाएं ताकि संबंधित व्यक्ति को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो। उन्होंने कहा कि अलग से 6 विभागों के अधिकारी उपमंडल स्तर पर टीम गठित करके क्वालिटी काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी करें। अंत्योदय मेलों को लेकर समय-समय पर समीक्षा बैठक आयोजित होगी। कार्य में लापरवाही करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
इस मौके पर डीडीपीओ कंवर दमन, डीआईओ दीपक खुराना, सीएमजीजीए अपूर्वा, जिला समाज कल्याण अधिकारी कुलदीप शर्मा, ईओ कुलदीप मलिक, बलदेव, मनोज कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
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