अक्सर देखने में आता है कि छात्राओं को परिवहन समिति की बसों में बस पास होते हुए भी अपमानित होना पड़ रहा है। दिखाईजींद जिले के गांव की छात्रा ने हिम्मत और आगे आकर इसकी शिकायत आरटीओ व रोड़वेज अधिकारियों से की लेकिन खानापूर्ति कर मामले को रफा-दफा कर दिया। छात्रा ने यहां भी हार नहीं मानी और उसने इसकी शिकायत परिवेदना समिति में कर दी। शिकायत पर सुनवाई करते हुए बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने बस के परमिट को 15 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार अलेवा गांव निवासी अंजलि की शिकायत को परिवेदना समिति की बैठक में रखा गया था। जिसमें बताया गया था कि इंटर कॉलेज में पढ़ती है और कॉलेज की छुट्टी होने के बाद 23 जनवरी को जींद बस स्टैंड से गांव के लिए चलने वाली दिव्यांशु परिवहन समिति के बस में सवार हुई थी। जब बस एसडी स्कूल के पास पहुंची तो बस पर कार्यरत परिचालक उसके पास आया और टिकट लेने के लिए कहने लगा जब उसने बताया कि उसके पास बस पास है। इसके बाद परिचालक ने उसे कहा कि वह सीट पर नहीं बैठ सकती और खड़े होकर ही उसे सफर करना होगा। जबकि काफी सीटें खाली पड़ी हुई थी। जब उसने इसका विरोध किया तो परिचालक उसके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए गाली गलौज करने लगा। छात्रा ने आरोप लगाया कि उसे जबरन बस से नीचे उतारने की कोशिश की गई। छात्रा ने मंत्री के सामने बताया कि उसने इसकी शिकायत आरटीओ विभाग के अधिकारियों और रोडवेज के अधिकारियों से की थी। लेकिन अधिकारियों ने पत्र के माध्यम से खानापूर्ति की। बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने छात्रा की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए बस के परमिट को 15 दिन के लिए सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए। बिजली मंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिया कि छात्राओं को सफर के दौरान होने वाली परेशानियों को प्राथमिकता से लेकर उनका निपटारा करें छात्राओं को कोई परेशानी ना हो। उन्होंने कहा कि अगर कोई सतरा का मामला आता है तो तुरंत प्रभाव से कठोर कार्रवाई करें। विवेचना समिति की बैठक में मंत्री के सामने 15 शिकायतें रखी गई थी। वैसे तो मौके पर ही कर दिया गया।
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