कैथल, 21 अगस्त (अजय धानियां) डीसी जगदीश शर्मा ने कहा कि प्रदेश के जलभराव एवं बाढ़ से प्रभावित नागरिकों के हित को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान के सत्यापन, मूल्यांकन और उसके मुआवजे के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दावे अपलोड करने की अंतिम तिथि 25 अगस्त तक है। ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल ॒प्राकृतिक आपदा के ॒मूल्यांकन के लिए ॒एक पारदर्शी और बेहतर प्रणाली है।डीसी जगदीश शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने हाल ही में प्रदेश के कई जिलों में आई बाढ़ से नागरिकों को हुई कठिनाइयों को कम करने के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल॒ ekshatipurtiharyana.gov.in के नए स्वरूप को लांच किया है। इस पोर्टल पर नागरिक अपने घर, पशुधन, फसलों, वाणिज्यिक और चल-अचल संपत्ति की क्षति व नुकसान की जानकारी दर्ज करा सकेंगे। अपने नुकसान के दावे अपलोड करने के लिए यह पोर्टल आम जनता के लिए 25 अगस्त 2023 तक खुला रहेगा। उन्होंने बताया कि पहले क्षतिपूर्ति पोर्टल में केवल किसान ही अपनी फसलों के नुकसान का ब्यौरा दर्ज करा सकते थे लेकिन अब सरकार ने पोर्टल में नए फीचर शामिल किए हैं, जिससे नागरिक जान-माल के नुकसान की जानकारी एक ही पोर्टल पर दर्ज कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल का उद्देश्य जनता द्वारा आवेदन जमा करने की प्रक्रिया को सरल बनाना है। साथ ही प्रभावित लोगों को हुए नुकसान के समयबद्ध तरीके से सत्यापन और मुआवजे के वितरण की प्रणाली में पारदर्शिता लाना है। उन्होंने कहा कि इस ऑनलाइन प्रफ्यि से समय कम हो जाएगा, मुआवजे के दावे की पूरी प्रक्रिया आसान हो जाएगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। उन्होंने आम जनता से अनुरोध किया कि जरूरतमंद व्यक्ति इस पोर्टल का उपयोग कर सकते हैं। डीसी ने कहा कि इस पोर्टल पर लोग आपदा में खोए हुए पशुओं की किस्म और संख्या का विवरण अपलोड कर सकते हैं। इसी तरह, घर के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में घर का प्रकार यानी कच्चा या पक्का और उसकी क्षति के प्रकार जैसे विवरण प्रदान करना आवश्यक है। नुकसान का आकलन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के फील्ड स्टाफ द्वारा कम से कम समय में सत्यापित किया जाएगा। मुआवजे की गणना सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी और उचित प्रक्रिया के बाद व निर्धारित मानदंडों के अनुसार भुगतान किया जाएगा।
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