भारत के ‘मोस्ट वॉन्टेड’ मसूद अज़हर की पूरी कहानी

May 8, 2025 241 0 2


कैथल (रमन सैनी) भारत के पाकिस्तान पर हमले के बाद चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने कहा है कि इस हमले में संगठन के मुखिया मसूद अज़हर के परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए हैं।
इस बारे में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) की ओर से बुधवार को एक बयान जारी हुआ है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत द्वारा किए गए हमले में मारे गए मृतकों में मसूद अज़हर की बड़ी बहन और बहनोई, भांजे की पत्नी और भांजी के अलावा 5 बच्चे शामिल हैं। इस बयान के मुताबिक पाकिस्तान के बहावलपुर में सुभान अल्लाह मस्जिद पर हमले में मसूद अज़हर के रिश्तेदारों की मौत हुई है।

Masood Azhar entire family was wiped out in Operation Sindoor 14 people including his wife and son died ऑपरेशन सिंदूर में मसूद अजहर का पूरा परिवार खत्म, बोला- अच्छा होता मैं भी

Note: इसी बहावलपुर में 10 जुलाई, 1968 को अल्लाहबख्श सबीर के परिवार में मसूद अज़हर का जन्म हुआ था।

भारत में ‘मोस्ट वॉन्टेड’ है मसूद अज़हर

  1. भारत के गृह मंत्रालय की ओर से 7 मार्च 2024 को जारी मोस्ट वॉन्टेड लोगों की सूची में 57 साल के मसूद अज़हर का नाम नंबर एक पर है।
  2. भारत के ख़िलाफ़ मसूद के अपराध की लंबी चौड़ी सूची है और कई मामलों में अभियुक्त के तौर पर उनका नाम है।
  3. इन मामलों में एक अक्तूबर, 2001 को श्रीनगर में तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य विधानसभा कॉम्प्लेक्स पर हमला भी शामिल है, जिसमें 38 लोगों की मौत हुई थी।
  4. इसके बाद 12 दिसंबर, 2001 को भारत की संसद पर आतंकवादी हमले में भी अज़हर का नाम है. इस हमले में सुरक्षा बल के 6 जवान और 3 अन्य लोगों की मौत हुई थी।
  5. मसूद अज़हर पर ही 14 फ़रवरी, 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ़ के क़ाफ़िले पर हमला हुआ था जिसमें 40 से अधिक जवान मारे गए थे।

कंधार हाईजैक

वैसे मौलाना मसूद अज़हर की सबसे ज़्यादा चर्चा कंधार हाईजैक के दौरान हुई थी। 1999 में कंधार हाईजैक के दौरान जिन 3 चरमपंथियों को रिहा करने की डिमांड की गई थी, उनमें मसूद अज़हर का नाम शामिल था। भारत सरकार के तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह मसूद अज़हर को विशेष विमान से लेकर कंधार गए थे और उसके बाद से ही मसूद अज़हर की तलाश भारत की सुरक्षा एजेंसियों को रही है।

Indian Airlines Flight 814 - Wikipedia

मसूद अज़हर की पहचान भारत में प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना की है। भारत सरकार लगातार यह दावा करती रही है कि इस संगठन का मुख्यालय पाकिस्तानी पंजाब के बहावलपुर में है। यह भी एक वजह मानी जा रही है, जिसके कारण भारत ने पहली बार पाकिस्तान की सीमा में 100 किलोमीटर अंदर जाकर हमला किया है। भारत कई बार पाकिस्तान से मसूद अज़हर को भारत के हवाले करने के लिए कह चुका है लेकिन पाकिस्तान हमेशा से उसके पाकिस्तान में नहीं होने का दावा करता आया है।

जिहादी गतिविधियों की शुरुआत

भारत 2009 से ही मौलाना मसूद अज़हर के जैश-ए-मोहम्मद को संयुक्त राष्ट्र की आतंकी संगठनों की सूची में शामिल करने की मांग करता आ रहा था, लेकिन चीन हमेशा इसके ख़िलाफ़ वीटो का प्रयोग करता रहा है। क़रीब 10 साल की कोशिशों और पुलवामा हमले के बाद एक मई, 2019 को संयुक्त राष्ट्र ने मौलाना मसूद अज़हर के संगठन को ‘आतंकी संगठन’ घोषित किया था, जिसको लेकर पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति पर सवाल उठाया था।

मसूद अज़हर के जिन क्रिया कलापों के बारे में भारतीय गृह मंत्रालय ने मोस्ट वॉन्टेड सूची में जिक्र किया है, उसके मुताबिक़, अज़हर के नेतृत्व में जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी गतिविधियों के लिए व्यापक भर्ती अभियान चलाता है और युवाओं को भारत के विरुद्ध कार्रवाई के लिए उकसाता रहा है। जनवरी, 2002 में इंडियन एक्सप्रेस अख़बार ने मौलाना मसूद अज़हर के बारे में एक विस्तृत आलेख छापा है। इस आलेख के मुताबिक़ मसूद अज़हर का जिहादी गतिविधियों से जुड़ाव कराची में पढ़ाई के दौरान हुआ था।

भारत में मसूद अज़हर की गिरफ़्तारी

इस अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक़, मसूद अज़हर ने भारत में प्रवेश सीमा रेखा के रास्ते से नहीं किया था बल्कि जनवरी, 1994 में ढाका से दिल्ली हवाई उड़ान के ज़रिए किया था। कुछ दिनों तक दिल्ली के नामचीन होटलों में ठहरने के बाद मसूद पहले देवबंद और फिर कश्मीर तक पहुंचे, जहां से 10 फ़रवरी, 1994 को भारतीय सुरक्षा बलों ने मसूद को हिरासत में लिया था। मसूद के गिरफ़्तार होने के 10 महीनों के भीतर चरमपंथियों ने दिल्ली में कुछ विदेशियों को अग़वा कर उन्हें छोड़ने के बदले मसूद अज़हर की रिहाई की मांग की थी। ये मुहिम असफल हो गई, क्योंकि उत्तर प्रदेश और दिल्ली पुलिस सहारनपुर से बंधकों को छुड़ाने में सफल हो गई। एक साल बाद हरकत-उल-अंसार ने फिर कुछ विदेशियों का अपहरण कर उन्हें छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन ये प्रयास भी असफल रहा।
JeM प्रमुख मसूद अजहर ने माना 'ऑपरेशन सिंदूर' में उसके परिवार के 10 लोग मारे  गए - jem chief masood azhar admits 10 people of his family were killed in  operation sindoor

इसके बाद से 1999 में रिहाई तक अज़हर को जम्मू की कोट भलवाल जेल में रखा गया था। उस समय वहां कश्मीर से गिरफ़्तार हुए कश्मीरी, अफ़गान और पाकिस्तानी चरमपंथियों की एक पूरी टोली क़ैद थी। इस में चरमपंथी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन के श्रीनगर में कमांडर कहे जाने वाले सैफ़ुल्लाह ख़ान और उसके दो सगे चरमपंथी भाई भी शामिल थे।

पाकिस्तान में कैसी है छवि

पाकिस्तान में मसूद अज़हर के बारे में कोई अच्छी राय नहीं है। सब जानते हैं कि वो एक चरमपंथी समूह के मुखिया है, चरमपंथ का प्रचार करते हैं। “कई चरमपंथी घटनाओं में उनका हाथ रहा है। नौजवान उनके बारे में अच्छी राय नहीं रखता। लेकिन समाज का एक हिस्सा ऐसा भी है जो उनका समर्थन करता है. ये वो लोग हैं जो भारत को अपना दुश्मन मानते हैं। “


Tags: The full story of India's 'most wanted' Masood Azhar Categories: क्राइम न्यूज, देश / विदेश, ब्रेकिंग न्यूज, लेटेस्ट न्यूज़
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