कैथल, 22 जनवरी (रमन सैनी) डीसी प्रीति ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के आदेशानुसार नशे की बुराई को जड़ से समाप्त करने के लिए विशेष मुहीम चलाई गई है। इसीलिए पुलिस सहित संबंधित विभाग नशे की बुराई को खत्म करने के लिए अपनी-अपनी जिम्मेवारियों को गंभीरता से निभाएं। पूरे जिले में दवाओं की दुकानों पर निगरानी बढ़ाई जाए और प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाए। मुख्य रूप से बॉर्डर क्षेत्र की दुकानों पर कड़ी निगरानी की जाए। सभी दवाइयों का रिकॉर्ड नियमानुसार अपडेट हो और जारी किए गए निर्देशानुसार सभी दवा बिक्री दुकानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, जो उनके काउंटर को अच्छे से कवर करते हों। यदि कहीं प्रतिबंधित दवाओं की खपत ज्यादा मिलती है तो उसके कारणों का पता लगाया जाए। यदि कोई डॉक्टर भी अनावश्यक तौर पर प्रतिबंधित दवाओं की सिफारिश करता है तो उसके खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसीलिए ड्रग कंट्रोल ऑफिसर सुनिश्चित करें कि नियमानुसार ही ऐसी दवाओं का प्रयोग हो, जो नशे की श्रेणी में आती हैं और प्रतिबंधित होने के बावजूद डॉक्टरों की सिफारिश पर लोगों को दी जा सकती हैं।
डीसी प्रीति बुधवार को लघु सचिवालय स्थित सभागार में नारर्कोटिक्स को-ओर्डिनेश सेल (एनकॉर्ड) की मासिक बैठक में अधिकारियों को निर्देश दे रही थी। डीसी ने पिछली बैठक में पंचायत एवं विकास विभाग, सीईओ जिला परिषद व ड्रग कंट्रोल ऑफिसर को जारी निर्देशों की पालना में की गई गतिविधियों पर असंतुष्टि जताई और अगली बैठक तक नशे के खात्मे के लिए जारी निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। डीसी ने कहा कि शिक्षा विभाग ब्लॉक अनुसार नुक्कड़ नाटक, जागरूकता अभियान चलाकर बच्चों को जागरूक करें। स्टेट एक्शन प्लान को क्रियान्वित करने के लिए सभी एसडीएम एवं डीएसपी आपसी तालमेल से नशे विरोधी मुहीम में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में शामिल हों। उन्होंने सीईओ जिला परिषद को निर्देश दिए कि ग्राम सचिव की ब्लॉक अनुसार पुलिस अधिकारियों से बैठक करवाएं, ताकि उन्हें इस अभियान की बारीकियों के बारे में जानकारी मिल सके। इसके बाद ग्राम सचिव गांवों में जाकर लोगों को जागरूक करें। डीसी ने सीएमओ से नशे के प्रति जागरूकता अभियान की जानकारी ली, जिसमें उन्होंने बताया कि सभी पीएचसी में सुझाव पेटिका लगा दी गई है। डीसी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि केवल नशा ही नहीं बल्कि पीएनडीटी एक्ट के तहत प्रतिबंधित गतिविधियां या फिर अन्य कोई जानकारी इस सुझाव पेटी के माध्यम से प्रशासन तक पहुंच सके। अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि जो भी व्यक्ति सुझाव पेटिका में सुझाव डालेगा, उसका नाम हर हाल में गुप्त रखा जाए। डीसी ने सभी एसडीएम ने नहरों की पटरियों सहित विभिन्न खाली जगहों पर उगने वाले नशे संबंधी पौधों को नष्ट करने बारे रिपोर्ट हासिल की।
एसपी राजेश कालिया ने बताया कि पुलिस ने कलायत में एक झाडि़यों के स्थान को साफ करवाया है। जिसके बारे में नशे का अड्डा बनने को लेकर शिकायतें आ रही थीं। डीसी ने नशामुक्ति केंद्रों के निरीक्षण की रिपोर्ट लेते हुए कहा कि एकदम से किसी केंद्र को बंद करने से पहले उसे नोटिस जारी कर पक्ष लिया जाए। नशामुक्ति केंद्रों में मुख्य रूप से पंजाब के अधिक मरीज आने को लेकर डीसी ने सीएमओ व पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पंजाब के संबंधित अधिकारियों के साथ तालमेल बनाकर रखें।
चिन्हित अपराध पर ढीली सुनवाई को लेकर डीसी सख्त दिखीं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से सवाल किया कि सात-सात साल से चल रहे मामलों में आज तक सुनवाई पूरी क्यों नहीं हुई फैसले क्यों नहीं आ रहे। ऐसे केसों में जल्द सुनवाई के लिए न्यायालयों में आवेदन दें। डीसी प्रीति व एसपी राजेश कालिया ने ऐसे 109 मामलों को लेकर संबंधित अधिकारियों को असंतुष्टि पत्र जारी करने के निर्देश जारी किए। डीसी ने कहा कि चिन्हित अपराधों में विशेष केस आते हैं, जिनमें सुनवाई जल्दी होनी चाहिए। इसमें पोक्सो सहित कई गंभीर मामले शामिल रहते हैं। इसीलिए ऐसे सालों तक सुनवाई व फैसले न होने से गलत संदेश जाता है। इसीलिए जांच अधिकारी सुनिश्चित करें कि चिन्हित अपराधों में जल्द से जल्द सुनवाई हो।
एसपी राजेश कालिया ने कहा कि ड्रग कंट्रोल ऑफिस से अधिकारी पुलिस के साथ मिलकर दवा विक्रेताओं के यहां डिकोय ग्राहक भेजकर जांच करवाएं, ताकि सुबूतों के साथ गलत काम करने वाले को पकड़ा जा सके।
इस मौके पर गुहला एसडीएम कृष्ण कुमार, कैथल एसडीएम अजय सिंह, सीटीएम गुरविंद्र सिंह, डिप्टी सीईओ जिला परिषद रितु लाठर, डीडीपीओ कंवर दमन, डीआरआई चंद्रमोहन, सीएमओ रेणु चावला सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
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