कैथल (रमन सैनी) भारत आदिवासी पार्टी (बाप) के संस्थापक राजकुमार रोत ने 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में चोरासी सीट पर जीत हासिल की. उन्होंने बीजेपी के सुशील कटारा को करीब 70 हजार वोटों से मात दी. आपको बता दें कि राजकुमार रोत, चोरासी सीट से मौजूदा विधायक भी थे. राजकुमार रोत को कुल 1 लाख 11 हजार 150 वोट पड़े. दूसरे नंबर पर बीजेपी उम्मीदवार सुशील कटारा रहे, उनको 41 हजार 984 वोट ही मिलें. वहीं कांग्रेस उम्मीदवार ताराचंद भगोरा को 28 हजार 120 वोट ही मिले. दो महीने पहले बनी भारत आदिवासी पार्टी (बाप) ने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) से बेहतरीन प्रदर्शन किया है. आप का तो जहां राजस्थान में खाता भी नहीं खुल सकता वहीं बाप ने तीन सीटों पर जीत हासिल की है. राजस्थान में केजरीवाल की आप को सिर्फ 0.38 प्रतिशत वोट मिला, जो नोटा से भी कम है. राजस्थान में नोटा पर 0.96 प्रतिशत वोट पड़ा है. राजस्थान में भारतीय आदिवासी पार्टी (बाप) ने तीन, बसपा ने दो और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने एक सीट पर जीत हासिल की है. जबकि 9 सीटों में निर्दलय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है. इनमें से 6 पर भाजपा और एक पर कांग्रेस बागी ने जीत दर्ज की है. वहीं आप, माकपा, जन नायक जनता पार्टी (जेजेपी) और एआईएमआईए का खाता तक नहीं खुल सका है. क्या है भारत आदिवासी पार्टी (बाप), छह साल पुरानी भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) में विभाजन के बाद 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले भारत आदिवासी पार्टी का गठन किया गया था. पार्टी की स्थापना आदिवासी नेता और राजस्थान के चोरासी विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजकुमार रोत और सागवाड़ा विधायक रामप्रसाद डिंडोर ने की थी. एक इंटरव्यू में रोत ने कहा था कि बीटीपी के साथ विचारधारा में मतभेद के कारण नई पार्टी का गठन किया गया था. उन्होंने कहा था कि यह बीटीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की मनमानी के कारण है कि हम अलग हो गए और बाप का गठन किया था. बीजेपी और कांग्रेस के लोग वर्तमान में बीटीपी से जुड़े हुए हैं और अपने राजनीतिक हितों के लिए पार्टी को हाईजैक कर लिया है. जो लोग हमारी मूल विचारधारा में विश्वास करते हैं वह बाप में शामिल हुए हैं. उन्होंने कहा था कि बीटीपी के विभाजन से हमारी संभावनाएं प्रभावित नहीं होंगी
बाप ने खुद को आदिवासी समुदाय का हकदार साबित किया, जिसका लक्ष्य शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और आर्थिक अवसरों तक उनकी पहुंच में सुधार करना है. बाप पर्यावरण पर ध्यान केंद्रित करने का भी दावा करता है और उसने स्वच्छ ऊर्जा, प्रदूषण नियंत्रण आदि को बढ़ावा देने वाली नीतियों के लिए समर्थन व्यक्त किया है. BAP जन-केंद्रित प्रगति पर ध्यान केंद्रित करती है और खुद को जल, जंगल, जमीन, जैव विविधता, प्रकृति और स्वदेशी लोगों के हित में काम करने वाली पहली ‘पर्यावरण-अनुकूल पार्टी’ कहती है. पार्टी का लक्ष्य संविधान में निहित लोकतंत्र जैसे मूल्यों पर केंद्रित एक सामाजिक व्यवस्था बनाना है.
राजस्थान में क्या बाप की स्थिति?
बाप का राजस्थान में मुकाबला मुख्य रूप से कांग्रेस पार्टी और बीजेपी के साथ है. आदिवासी क्षेत्रों में बाप की उपस्थिति को यही कारण माना गया कि कई राष्ट्रीय नेताओं ने चुनाव से पहले अपनी पार्टियों के लिए वोट मजबूत करने के लिए उन निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा किया.
450 से अधिक सदस्यों के साथ, बाप की वर्तमान में 12 राज्यों और 250 से अधिक शहरों में उपस्थिति है. मोहन लाल रोत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, जबकि जीतेंद्र अलश्कर राष्ट्रीय संयुक्त सचिव और हरिलाल गोदा राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष हैं. पार्टी ने 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में 27 सीटों पर चुनाव लड़ा था.
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