कैथल (): जमीयत उलेमा ए हिंद के सदर मौलाना मोहम्मद सईदूर रहमान ने सरकार द्वारा पीएफआई कि देश विरोधी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसी कट्टर संस्थाएं देश की एकता और अखंडता को खतरा है । मौलाना ने कहा हमारे जीवन में सबसे खतरनाक चीज अलगाववाद , असहिष्णुता , उग्रवाद , शत्रुता और पूर्वाग्रही भय है चाहे वो धार्मिक , नास्तिक या राजनीतिक हो । इन तीन श्रेणियों में से सबसे खतरनाक धारणा धार्मिक अलगाववाद एवं असहिष्णुता है जो कि किसी भी देश को अंदरूनी रूप से तबाह करने के लिए काफी है । इतिहास से सबक लेते हुये हम यह पाते हैं कि जब पूरी बैंजाटिन सेना इस्लामिक सेना को परास्त नहीं कर सकी तो कुछ मुट्ठी भर आंतरिक शत्रु जिन्हें ‘ खेरिजिट्स ‘ के नाम से जाना जाता था ने तीसरे खलीफा को मार गिराया और चौथे खलीफा के शासन को ध्वस्त कर दिया । इससे यह साबित होता है कि राष्ट्र कितना भी मजबूत क्यों न हो , कुछ मुट्ठी भर कट्टर जो कि देश के अंदर छिपे हैं खतरनाक साबित हो सकते हैं । भारत के आंतरिक शत्रुओं में सबसे कुख्यात नाम किसी और का नहीं बल्कि पी . एफ . आई . का है ।
मौलाना ने कहा कि सच्चे मुसलमान होने के नाम पर पीएफआई शांतिप्रिय मुस्लिम समाज में उथल – पुथल पैदा करना चाहते हैं । इनका अंतिम एजेंडा कुछ और नहीं बल्कि सत्ता में स्थापित लोगों को हटा कर आवाम में हिंसक इस्लाम स्थापित करना है , चाहे वो बेंगलूरू हिंसा हो या केरल के प्रोफेसर के हाथ काटने की घटना हो , पी.एफ. आई . ने यह साबित कर दिया है कि वो खेरिजिट्स के उत्तराधिकारी हैं जिन्होंने न कि तीसरे खलीफा को मार गिराया बल्कि अपना शासन स्थापित करने के लिए चौथे को भी ध्वस्त कर दिया । इन कट्टरों की कार्यप्रणाली के बारे में सावधानीपूर्वक विचार किया जाना चाहिए । बारीक जांच यह स्पष्ट कर सकती है कि अपने उद्देश्यों कि पूर्ति के लिए पी . एफ.आई. हर संभव किसी भी हद तक नीचे गिर सकती है , जिसे वे बाद में धार्मिक शास्त्रों को तोड़ – मरोड़ कर उचित सिद्ध कर देंगे । इस्लाम को सबसे ज्यादा हानि आंतरिक दुभमनों से हुई है ना कि बाहरी ताकतों से वर्तमान में मुसलमानों को कट्टरों को पहचानने की जरूरत है जिसे पी.एफ.आई. ने अपना प्रतिनिधित्व प्रदान किया है । उनकी छिपी हुई हिंसक एजेंडा को उजागर करने की जरूरत है , ताकि भारतीय मुसलमानों का भविश्य उनके पूर्वजों से बेहतर हो । सरकार ने पी.एफ. आई . जैसे संगठन पर देशव्यापी प्रतिबंध लगाकर उचित कदम उठाया है और आवाम अपने शांतिप्रिय समाज में इसका बहिष्कार कर सरकार का समर्थन करें ।
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