कैथल (रमन सैनी) पिछले 10 महीनों से दिल्ली कूच के आह्वान के साथ शुरू हुआ दिल्ली आंदोलन 2 लगातार शंभू, खनौरी और रतनपुरा (राजस्थान) बॉर्डर पर जारी है। इस बीच, 6, 8 और 14 दिसंबर को दिल्ली की ओर पैदल मार्च कर रहे 101 किसानों-मजदूरों के जत्थों पर मोदी सरकार द्वारा किए गए अत्याचार और देश के संविधान द्वारा दिए गए अभिव्यक्ति और विरोध की आज़ादी का गला घोंटने के खिलाफ किसान-मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) द्वारा दिए गए 3 घंटे के रेल रोको आंदोलन के आह्वान पर पंजाब में 23 जिलों में 50-60 स्थानों पर दोपहर 12 से 3 बजे तक रेल चक्का जाम किया गया।
रेल रोको आंदोलन:
पंजाब के 23 जिलों में 50 से अधिक स्थानों पर सफल रेल चक्का जाम। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि इस आंदोलन को किसानों, मजदूरों, महिलाओं, युवाओं और छोटे व्यापारियों का भरपूर समर्थन मिला।
आरोप:
भारत सरकार देश की कृषि और सार्वजनिक संस्थानों को कॉर्पोरेट घरानों को बेचने पर तुली हुई है।
आत्महत्या:
शंभू बॉर्डर पर रंजीत सिंह नामक किसान ने सल्फास निगल कर आत्महत्या कर ली।
30 दिसंबर को पंजाब बंद:
केंद्र सरकार द्वारा की गई ज्यादतियों के खिलाफ पंजाब बंद का आह्वान।
आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी।
मांगें:
25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, मृतक किसान के परिवार का पूरा कर्ज माफ और एक सरकारी नौकरी दी जाए। आंदोलन की मांगें पूरी न होने तक संघर्ष जारी रहेगा।
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