कैथल, 23 फरवरी (रमन सैनी) कैथल जिले की तहसीलों में भ्रष्टाचार चरम पर है। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने कलायत तहसीलदार के रीडर विजय चौहान पर मामला दर्ज किया है। यह ए.सी.बी. टीम की एक सप्ताह के भीतर ही दूसरी बड़ी कार्रवाई है। कुछ दिन पहले ही ए.सी.बी.ने गुहला तहसील के रीडर को 10 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तारी किया है। इस केस में रीडर के साथ-साथ तहसीलदार पर मामला दर्ज किया गया है। मामला दर्ज होने के बाद से गुहला तहसील में लोग काम के लिए भटक रहे हैं और तहसीलदार फोन बंद करके फरार बताया जा रहा है।
फाइल फोटो 1: कैथल विजिलेंस कार्यालय
ए.सी.बी.द्वारा कलायत तहसील के रीडर पर दर्ज किया गया मामला गांव सिणंद के कर्ण सिंह की जमीन से जुड़ा बताया जा रहा है। आरोप है कि तहसीलदार के रीडर विजय चौहान ने मामले में आगे की प्रक्रिया पूरी करने के लिए 5 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। कर्ण सिंह ने इस बातचीत की रिकॉर्डिंग कर ली और एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत दी थी। ए.सी.बी. ने शिकायत मिलने के बाद रेड टीम तैयार करते हुए अपने साथ ड्यूटी मैजिस्ट्रेट लिया था। बताया जा रहा है कि रेड की सूचना पहले ही रीडर तक पहुंच गई थी और वह सतर्क हो गया, उसने शिकायतकर्ता से पैसे लेने से इंकार कर दिया था।
वीडियो: कुछ दिन पहले पकड़ा था 1 और रिश्वतखोर
इसके बाद लगातार सामने आ रहे रिश्वतखोरी के मामलों से यह साफ हो गया है कि कैथल जिले की तहसीलें भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई हैं। आम जनता पहले से ही फाइलों को इधर-उधर घुमाने और अफसरों की लापरवाही से परेशान थी, अब खुलेआम रिश्वत मांगने के मामले सामने आने से लोगों में आक्रोश है। लोगों का मानना है कि तहसील में बिना रिश्वत दिए कोई काम नहीं होता। बताया जा रहा है कि जमीन-जायदाद से जुड़े मामलों में फाइलों को महीनों तक लटकाए रखा जाता है और फिर काम कराने के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है।
फाइल फोटो 2: विजिलेंस अधिकारी
ए.सी.बी. कैथल इंचार्ज सूबे सिंह सैनी बताया कि उच्च अधिकारियों के निर्देश पर कलायत तहसीलदार के रीडर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। सूचना कैसे लीक हुई इसकी भी जांच की जा रही है। भ्रष्ट कर्मचारियों को जेल पहुंचाने का उनका अभियान आगे भी इस प्रकार जारी रहेगा।
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