मूल निवासी संघ, जिला कैथल की ओर से हरियाणा राज्य में 61 एचसीएस अधिकारियों की भर्ती में संवैधानिक नियमों को अनदेखा करते हुए घोर भेदभाव किए जाने को लेकर महामहिम राज्यपाल हरियाणा सरकार को एक ज्ञापन दिया गया। इस परिणाम सूची में पिछड़ा वर्ग ए को तीन, पिछड़ा वर्ग भी को मात्र एक पद दिया गया है ।जबकि उनके निर्धारित 27% संवैधानिक हिस्सेदारी के अनुसार लगभग 16 या 17 पद बनते हैं इसी प्रकार एससी वर्ग को केवल 6 ही पद दिए गए हैं जबकि sc वर्ग की निर्धारित संवैधानिक हिस्सेदारी अनुसार लगभग 12 या 13 पद बनते हैं ।इस परिणाम सूची में भारत के संविधान की रिप्रेजेंटेशन नियमावली का सरासर उल्लंघन किया गया है ।जो गैरकानूनी है इससे ओबीसी और
एससी वर्गों में बहुत रोष है। अतः महा महिम जी से मांग की जाती है कि पिछड़ा वर्ग और एससी वर्ग के हितों की रक्षा के लिए तुरंत प्रभाव से इस भर्ती की परिणाम सूची पर रोक लगाते हुए एचपीएससी को निर्देशित करने की कृपा करें कि इस परिणाम सूची को संशोधित करके पिछड़ा वर्ग और एससी वर्ग की निर्धारित हिस्सेदारी देते हुए पुनः जारी करें ।साथ ही महिला आरक्षण बिल में भी ओबीसी को 33% हिस्सेदारी मिलनी चाहिए ।पदोन्नति में ओबीसी कर्मचारियों को संख्या के अनुपात में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए ।तथा क्रीमी लेयर की शर्त को हटाया जाना चाहिए। साथ ही हरियाणा के शिक्षक सुरेश कुमार द्रविड़ पर लगाया गया राजद्रोह का केस खत्म करने बारे भी निवेदन किया गया ।बिहार राज्य की तरह हरियाणा में भी ओबीसी की जातीय जनगणना करवाई जाने का अनुरोध किया। सभी सरकारी विभागों में ओबीसी और एससी जाति का बैकलॉग भरे जाने का भी निवेदन किया ।सरकारी ठेकों और निजी क्षेत्र में ओबीसी और अनुसूचित जाति वर्ग का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किए जाने का भी ज्ञापन दिया गया। इस अवसर पर कमलकांत वर्मा, प्रेम सिंह जांगड़ा ,रामनिवास ,सुरेश द्रविड़ ,बलवीर शास्त्री ,रामदास सोदा , इंद्र सिंह धनिया , श्याम मांडी आदि उपस्थित रहे।
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