CM नायब सैनी ने अपनी कुर्सी बचाए रखने के लिए प्रदेश के हित गिरवी रख दिए: सुरजेवाला

January 8, 2025 868 0 -1


कैथल (रमन सैनी) राज्यसभा सांसद और कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार द्वारा केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासन में हरियाणा के अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति (डेप्युटेशन) की व्यवस्था खत्म करके यू.टी. काडर के अधिकारियों की नियुक्ति की अधिसूचना और उस पर मुख्यमंत्री श्री नायब सैनी की चुप्पी पर करारा हमला बोला है।

भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारों को सीधे निशाने पर लेते हुए सुरजेवाला ने कहा कि प्रधान मंत्री, नरेंद्र मोदी और भाजपा लगातार हरियाणा की विशिष्ट संस्कृति तथा पहचान पर हमले कर रहे हैं और प्रदेश के कठपुतली मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाए रखने के लिए मुंह को सिले बैठे हैं। तीसरी बार चुनाव जीतने के बाद तो भाजपा ने सारी सीमाएं ही लांघ दी हैं।

नेहरू जी के सपनों का शहर चंडीगढ़, हरियाणा तथा पंजाब की सांझी विरासत है और इस सांझी विरासत को छीनने का किसी को कोई अधिकार नहीं है। चंडीगढ़ पर संसद द्वारा पारित पंजाब रिऑर्गेनाइजेशन एक्ट, 1966 के तहत 40:60 के अनुपात में हरियाणा व पंजाब का हिस्सा व मलकियत है। देश के सबसे सुंदर शहर चंडीगढ़ को हरियाणा तथा पंजाब ने अपने खून-पसीने से सींचा है लेकिन, अब मोदी सरकार हरियाणा से चंडीगढ़ का प्रशासन व अधिकार छीनने में लगी है जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।

रणदीप ने कहा कि किसी भी प्रधानमंत्री ने कभी 60:40 के चंडीगढ़ प्रशासन की हिस्सेदारी की इस व्यवस्था में हस्तक्षेप नहीं किया लेकिन, मोदी सरकार तो हरियाणा के हकों की तमाम परम्पराओं और संस्थानों को तबाह करने की ठानकर ही सत्ता में आए थे। वह लगातार अपने इस लक्ष्य पर आगे बढ़ते जा रहे हैं।

हरियाणा और पंजाब की सांझी विरासत पर नववर्ष 2025 का पहला हमला करते हुए मोदी सरकार ने चंडीगढ़ के लिए प्रशासनिक सलाहकार के स्थान पर चीफ सेक्रेटरी का पद मंजूर किया है। केंद्र सरकार की अधिकारिक नोटिफिकेशन के अनुसार चीफ सेक्रेटरी पद के साथ सचिव के तौर पर 9 के बजाए 11 अधिकारी काम करेंगे। मोदी सरकार के नए फरमान के अनुसार यह सभी अधिकारी हरियाणा या पंजाब से प्रतिनियुक्ति पर लेने की बजाय यूटी कैडर के होंगे। केंद्र सरकार की नोटिफिकेशन के बाद अब वित्त, गृह, डीसी, निगम आयुक्त से लेकर विभिन्न पदों पर पंजाब-हरियाणा कोटे की दावेदारी का अंत हो गया है।

उल्लेखनीय है कि 1966 के पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार चंडीगढ़ प्रशासन को चलाने के लिए पंजाब-हरियाणा के अधिकारियों की 60:40 के अनुपात से प्रतिनियुक्ति होती थी। पुनर्गठन का समापन 1975 में चीफ सेक्रेटरी चंडीगढ़ ने किया था, लेकिन दोनों प्रदेशों की भावनाओं को सम्मान देते हुए कभी प्रशासनिक पदों से डेपुटेशन कोटा खत्म नहीं किया गया। शहर में अंतिम चीफ सेक्रेटरी वर्ष 1983-84 में रहा था जिसके बाद से चंडीगढ़ में प्रशासनिक सलाहकार नियुक्ति होती आ रही है। मार्च 2022 में केंद्रीय सेवा नियम चंडीगढ़ में लागू करने के उपरांत पहली बार है कि केंद्र सरकार ने आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि चंडीगढ़ में सभी सचिव के पद यूटी कैडर के लिए आरक्षित होंगे अब इन पर पंजाब और हरियाणा का कोई हक नहीं होगा।

इस नई व्यवस्था के लागू होने से पहले चंडीगढ़ के वित्त सचिव, गृह सचिव, निगम आयुक्त, डीसी, एसएसपी, अर्बन एंड टाउन प्लंनिंग चीफ इंजीनियर नगरनिगम जैसे वरिष्ठ प्रशासनिक पदों पर हरियाणा तथा पंजाब काडर के अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर क्रमशः 40:60 के अनुपात में नियुक्त किया जाता रहा है, लेकिन अब चंडीगढ़ को इन दोनों ही प्रदेशों से छीनने और चंडीगढ़ पर प्रशासनिक कब्जा जमाने के चक्कर में मोदी जी इस नई तानाशाही व्यवस्था को लेकर आए हैं, जिसे दोनों प्रदेशों की क्रांतिकारी जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी।

निदेशक पदों पर असमंजस, दानिक्स कैडर की नियुक्ति होने की उम्मीद

केंद्र सरकार की तरफ से प्रशासन में सचिव पद की नियुक्ति के बाद अब निदेशक पदों पर असमंजस रह गई है। प्रशासन में सोशल वेलफेयर और शिक्षा विभाग निदेशक पद पर अब तक पंजाब और हरियाणा से पीसीएस और एचसीएस अधिकारी नियुक्त रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग निदेशक का कार्य हमेशा पंजाब के पास, मेडिकल स्टूडेंट का चार्ज हरियाणा देखता रहा है। सचिव पदों का केंद्र से स्पष्टीकरण होने के बाद अब यूटी कैडर के कर्मचारियों को उम्मीद है कि निदेशक पदों पर दानिक्स या युटी कैडर के अधिक्कारियों की नियुक्ति होगी।

मोदी सरकार हरियाणा और पंजाब की विशेष संस्कृति तथा पहचान पर निरंतर हमले कर रहे हैं। पहले खट्टर साहब और अब वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह केंद्र के दबाव के आगे घुटने टेके बैठे हैं तथा लगातार प्रदेश के हितों पर समझौते कर रहे हैं। हरियाणा में हरियाणवियों को बेजार बनाने के उद्देश्य से पिछली सरकार में खट्टर साहब ने प्रदेश का डोमिसाइल बनने के लिए प्रदेश में कम से कम 10 साल निवास करने की अनिवार्यता को कम करते हुए इसे 5 साल कर दिया, फिर कृषि कानूनों के बहाने हरियाणा तथा पंजाब के किसानों को आर्थिक रूप से तबाह करने की साजिश रची गई और अब चंडीगढ़ से प्रशासनिक अधिकार छीनने की साजिशें रची जा रही हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए शासन और प्रशासन का अर्थ जनसभाओं में खड़े होकर लतीफाबाजी करना है। लेकिन, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का एक – एक कार्यकर्ता हरियाणा और पंजाब के हितों की रक्षा के लिए संघर्ष करना जानता है। मोदी जी ये ना भूलें कि इस चंडीगढ़ को बसाने में हमारी जमीन, हमारे संसाधन और हमारी मेहनत लगी है तथा हम चंडीगढ़ पर अपना हक छोड़ने वाले नहीं हैं। कांग्रेस पार्टी यूटी काडर से लाकर बाहरी अधिकारियों की नियुक्ति तथा संघीय ढांचे को आघात पहुंचाने के षड्यंत्र के खिलाफ आवाज उठाती रहेगी।


Tags: CM Nayab Saini mortgaged the interests of the state to save his chair: Surjewala. Categories: ambala, chandigarh, nuh, कैथल, ब्रेकिंग न्यूज, राजनीति, लेटेस्ट न्यूज़, हरियाणा
share TWEET PIN IT SHARE share share
Leave a reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »
error: Content is protected !!