कैथल (रमन सैनी) बीरेंद्र सिंह की रैली के बाद एक बार फिर वही सवाल उठा खुड़ा हुआ है कि 2024 विधानसभा चुनावों तक बीजेपी और जजपा का गठबंधन रहेगा या फिर नहीं। अगर रहेगा तो कब तक? क्या 2024 विधानसभा चुनावों के रण में जब बीजेपी उतरेगी तो जजपा का हाथ पकड़कर चुनाव लड़ा जाएगा या फिर अकले? ये वो सवाल हैं जिनका सामना सीएम मनोहर लाल को हर प्रेस कॉन्फ्रेंस में करना पड़ रहा है और आज दिल्ली में महिला पत्रकारों के साथ हुई प्रेस वार्ता में भी सीएम पर सबसे पहला सवाल यही दागा गया और मुख्यमंत्री का जवाब चौका देने वाला था। क्योंकि सीएम ने साफ शब्दों में कहा कि 2019 के चुनावों में जजपा के साथ ये गठबंधन पार्टी का नहीं बल्कि मजबूरी का था।
जब सीएम से ये सवाल किया गया कि जजपा से अपने गठबंधन पर रुख साफ करें तो मनोहर लाल ने कहा कि एक गठबंधन पार्टी के लिए होता है और एक सरकार चलाने के लिए। हमारा गठबंधन पार्टी चलाने के लिए नहीं, सत्ता चलाने के लिए हुआ जो एक मजबूरी होती है। सीएम ने कहा कि हमने जजपा से गठबंधन सिर्फ इसलिए किया, क्योंकि हमको कांग्रेस को सत्ता से दूर रखना था। वैसे सीएम ने ये बात भी साफ कर दी कि जजपा और बीजेपी के बीच चली आ रही तमाम खींचतान के बावजूद गठबंधन बढ़िया चल रहा है और आने वाले वक्त में गठबंधन रहेगा या फिर नहीं। इसका फैसला बीजेपी हाईकमान करेगा।
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