आतंकवादियों के साथ लोहा लेते हुए मुठभेड़ में देश के लिए जान न्योछावर करने वाले शहीद मेजर आशीष के परिजनों से रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल मिलने पहुंचे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आशीष के पिता से मिलकर ढांढस बंधाया...
कैथल (रमन सैनी), आतंकवादियों के साथ लोहा लेते हुए मुठभेड़ में देश के लिए जान न्योछावर करने वाले शहीद मेजर आशीष के परिजनों से रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल मिलने पहुंचे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आशीष के पिता से मिलकर ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने आशीष के पिता के कंधों को थपथपाते हुए कहा की बेटे ने देश के लिए कुर्बानी दी है। वहीं मुख्यमंत्री पिता से मिलने के बाद आशीष की मां, पत्नी और बहनों से भी मिले। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आशीष के परिजनों को 50 लख रुपए आर्थिक मदद व योग्यता के आधार पर पत्नी को नौकरी देने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आशीष एक होनहार जवान था जो 11 साल की सर्विस में मेजर रैंक पर पहुंच गया था। उन्होंने कहा कि आशीष देश पर शहीद हुआ है और अपना बलिदान दिया है, कुर्बानी दी है। उनके नाम को अमर रखने के लिए पूरा समाज और सरकार हर संभव प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विषम परिस्थिति यह है कि उनकी तीन बहने हैं और एक ढाई साल की बेटी है, उनकी पत्नी है। उस नाते से सरकारी सिस्टम के तहत जो भी अधिकतम सहयोग होगा वह किया जाएगा और परिवार को 50 लाख रुपए आर्थिक मदद व उनकी पत्नी को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी दी जाएगी। आशीष के नाम को अमर रखने के लिए परिवार की तरफ से जो भी प्रस्ताव दिया जाएगा उनके हर प्रस्ताव को पूरा करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।
अपने पीछे पूरा परिवार छोड़ गए मेजर आशीष
मेजर आशीष जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में सर्च ऑपरेशन के दौरान मुठभेड़ में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए देश के लिए कुर्बान हो गए थे। वहीं उनके साथ एक डीएसपी सेमत तीन जवान भी शहीद हो गए थे। जब मेजर आशीष का पार्थिव शरीर पानीपत उनके टीडीआई आवास पर लाया गया तो उनके आवास पर उनके अंतिम दर्शन के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा था और हजारों की संख्या में लोगों ने मेजर आशीष को उनके पैतृक गांव में अंतिम विदाई दी। आशीष अपनी शहादत के बाद अपने पीछे पूरा परिवार छोड़ गए। जिसमें तीन बहनें, उनकी पत्नी, बूढ़े मां-बाप और एक ढाई साल की बेटी है।
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