कैथल (रमन सैनी) कैथल जिले के गुहला तहसील कार्यालय में भ्रष्टाचार को लेकर बड़ी कार्रवाई हुई है। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने रजिस्ट्री क्लर्क प्रदीप के साथ तहसीलदार मनजीत मलिक को आरोपी बनाया है, दोनों पर रजिस्ट्री दर्ज करवाने की एवज में रिश्वत मांगने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल आरोपी तहसीलदार का मोबाइल लगातार स्विच ऑफ आ रहा है। जबकि एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम उनके ठिकानों पर दबिश दे रही है।
तहसील कार्यालय में रजिस्ट्री कराने वालों से रिश्वत वसूलने के लिए एक गुप्त कोड तैयार किया गया था। इसके तहत यदि किसी व्यक्ति से रिश्वत ली जाती थी, तो उसकी रजिस्ट्री पर 10 रुपए का टिकट लगाने बारे कहा जाता था। जिसका मतलब काम करवाने के 10 हजार रुपए रिश्वत देनी पड़ती थी, जो लोग रिश्वत देने से इनकार कर देते थे, उनकी रजिस्ट्री अटकाई जाती थी।
गौरतलब है कि आरोपी तहसीलदार मनजीत मलिक सीवन नगर पालिका चुनाव में सहायक रिटर्निंग अधिकारी (ARO) और नोडल अधिकारी के रूप में तैनात किए गए थे। जो अब अपनी ड्यूटी से गैरहाजिर चल रहे हैं, चुनाव रिटर्निंग अधिकारी एवं एसडीएम गुहला कैप्टन परमेश सिंह के अनुसार तहसीदार ऑफिशियल छुट्टी पर नहीं हैं।
एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) अंबाला ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए गुहला तहसीलदार कार्यालय में तैनात रजिस्ट्री क्लर्क प्रदीप कुमार को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह रिश्वत क्लर्क द्वारा रजिस्ट्री कराने के एवज में मांगी गई थी। जिसमें तहसीलदार मनजीत मलिक पर भी रिश्वत मांगने के आरोप लगाए गए थे। इस कार्रवाई का नेतृत्व एंटी करप्शन ब्यूरो के डीएसपी मुकेश जाखड़ ने किया। जिसमें ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में क्लर्क को रिश्वत लेते ही धर दबोचा गया।
मामले को लेकर जब एसडीएम गुहला कैप्टन परमेश सिंह से सवाल किया गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि तहसीलदार ऑफिशियल छुट्टी पर नहीं हैं। रेड वाले दिन में कितने समय तक पर ड्यूटी पर रहे, इस बारे में वह ऑफिस में जाकर ही बता सकते हैं।
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