कैथल (रमन सैनी) इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा ने बीजेपी सरकार द्वारा राज्य सूचना आयुक्त के पद पर की गई नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक नीता खेड़ा है जो 2016 से 2022 तक एचपीएससी की सदस्य रह चुकी है। संविधान के अनुच्छेद 319 (डी) के अनुसार जो एचपीएससी के सदस्य रह चुके हैं उनको वैधानिक पद पर नियुक्ति नहीं दी जा सकती। ऐसे ही कुलबीर छिकारा जो 2015 से 2021 तक एचपीएससी के सदस्य रह चुके हैं उनको भी 2023 में सूचना आयुक्त बनाया गया था उनकी नियुक्ति भी अवैध थी और उन्हें भी संविधान के अनुच्छेद 319 (डी) के अनुसार सूचना आयुक्त नहीं बनाया जा सकता था।
दूसरी प्रियंका धूपड़ है जिसके उपर बाल कल्याण समिति, भिवानी की सदस्य रहते हुए असम निवासी नाबालिग बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में गंभीर आरोप लगे थे। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और हरियाणा बाल संरक्षण आयोग ने प्रियंका धूपड़ को निलंबित करने और कानूनी कार्रवाई करने की सिफारिश की थी। ऐसे ही पैसों की धोखाधड़ी के एक मामले में भिवानी बार एसोसिएशन ने डी-बार भी कर दिया था।
रामपाल माजरा ने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा की बीजेपी से मिलीभगत का एक ताजा उदाहरण यह भी है कि बीजेपी ने जिनको असंवैधानिक होते हुए भी चुना है उसपे भूपेंद्र हुड्डा ने सहमति दी और कोई आपत्ति दर्ज नहीं की। राज्य सूचना आयुक्त की चयन प्रक्रिया में सरकार के साथ साथ विपक्ष का भी एक नुमाइंदा भी होता है जो कि कांग्रेस की तरफ से भूपेंद्र हुड्डा थे। माजरा ने कहा कि राज्य सूचना आयुक्त की अवैध नियुक्तियों को तुरंत प्रभाव से रद्द करे सरकार।
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