कैथल (रमन सैनी) त्योहारी सीजन शुरू होने के साथ साथ ही व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपको ऐसी पोस्ट दिखने लगती हैं, जिन पर भारी डिस्काउंट के साथ ऑनलाइन शॉपिंग का ऑफर होता है। ऑफर से जुड़े लिंक भी सोशल मीडिया पर हैं। कई बार लुभावने ऑफर के चक्कर में पड़कर ऑनलाइन खरीदारी करना महंगा भी पड़ सकता है क्योंकि इनमें साइबर ठगों के फर्जी लिंक भी शामिल हो सकते हैं। ऐसे में ऑनलाइन खरीदारी करते वक्त विशेष सावधानी बरतें।
फाइल फोटो: SP उपासना
एसपी उपासना ने इस बारे एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि मोबाइल फोन या ईमेल पर आने वाले ऑनलाइन खरीदारी ऑफर के लिंक की पड़ताल करने के बाद ही उसे खोलें। एसपी ने कहा कि सस्ता सामान या डिस्काउंट ऑफर देखकर किसी भी रैंडम वेबसाइट से शॉपिंग न करें। ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर के बारे में जानकारी जुटाएं कि वह विश्वसनीय है या नहीं। अगर गूगल सर्च में शॉपिंग साइट नहीं दिखती है, तो उस पर भरोसा न करें। केवल विश्वसनीय वाईफाई नेटवर्क पर ही ट्रांसजेक्शन करें। इससे आपकी गोपनीय जानकारी सुरक्षित रहेगी। खरीदारी के अनुभव को अधिक व्यक्तिगत बनाने के लिए ऑनलाइन रिटेलर अतिरिक्त जानकारी मांगते हैं। लेकिन पेमेंट, शिपिंग एड्रेस, टेलीफोन नंबर और ईमेल के अलावा अगर अन्य किसी तरह की जानकारी मांगी जाती है, तो उस साइट से कतई खरीदारी न करें। ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान बैंक अकाउंट की जानकारी, ड्राइविंग लाइसेंस नंबर या आधार नंबर जैसी जानकारी नहीं दी जाती है। शापिंग से पहले कंपनी की प्राइवेसी पॉलिसी के बारे में जरूर पढ़ें। यह कन्फर्म करें कि क्या कंपनी आपकी जानकारियों को रिसेल, रेंट या किसी के साथ साझा करती है। उसी कंपनी पर भरोसा करें, जो आपकी गोपनीयता को बेहतर ढंग से सुरक्षित रखने का आश्वासन देती है। शॉपिंग अकाउंट का पासवर्ड बनाते समय उसमें निजी जानकारियों को न डालें। पासवर्ड में लेटर, नंबर और सिंबल को शामिल करें। पासवर्ड कमजोर होने पर अकाउंट में सेंध लग सकती है। जब कोई सामान वास्तविक मूल्य से काफी कम और अविश्वसनीय कीमत पर ऑफर किया जा रहा हो, तो उस पर आंख बंद कर भरोसा न करें। जिस सामान को आप खरीदने जा रहे हैं, अलग-अलग स्रोतों से उसकी कीमत पता करें। त्योहारों के सीजन में हैकर्स फेक कोड के जरिए डिस्काउंट कूपन तैयार करते हैं। आकर्षक विज्ञापन से वे भारी छूट का दावा करते हैं। इस तरह के कोड से अगर आप शॉपिंग करते हैं, तो हैकर्स पल भर में आपके अकाउंट को खाली कर सकते हैं। किसी नए लिंक पर क्लिक न करें, आपकी निजी जानकारी ठगों को मिल सकती है। किसी ऑफर या इनाम के झांसे में न आएं। किसी को ओटीपी न बताएं, बैंक संबंधी डिटेल न दें। किसी भी तरह की साइबर धोखाधड़ी होने पर तुरंत 1930 पर कॉल करके शिकायत दर्ज करवाएं।
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