कैथल (रमन सैनी) हरियाणा में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए स्कूल बैग नीति 2020 को लागू कर दिया गया है। इस नीति के तहत स्कूलों की मनमानी पर रोक लगेगी और विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाएगी। शिक्षा विभाग ने सख्त नियम बनाए हैं, जिनका पालन न करने पर स्कूल सीधे जिम्मेदार होंगे। अगर स्कूल बैग का वजन तय सीमा से अधिक पाया गया या विद्यार्थी के गले में पानी की बोतल लटकी मिली, तो स्कूल के खिलाफ कार्रवाई होगी।
शिक्षा विभाग ने 5 अप्रैल को सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) और जिला प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों (DEEO) को पत्र जारी कर नीति के पालन के आदेश दिए। इसके तहत कक्षा 1 से 10 तक के लिए स्कूल बैग का वजन निम्नलिखित है:
नीति में यूनिफॉर्म को लेकर भी सख्त नियम बनाए गए हैं। अगर कोई स्कूल किसी खास दुकान से यूनिफॉर्म खरीदने का दबाव बनाता है, तो यह नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसी स्थिति में स्कूल के खिलाफ कार्रवाई होगी। जिला शिक्षा अधिकारियों को इस पर नजर रखने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं।
अक्सर देखा जाता है कि स्कूल बैग का वजन जरूरत से ज्यादा होने के कारण विद्यार्थियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गर्मियों में गले में लटकी पानी की बोतल और भारी बैग के कारण बच्चों को शारीरिक परेशानियां, जैसे सिरदर्द, आंखों की रोशनी कम होना और पीठ दर्द, होने की शिकायतें सामने आती हैं। इसका कारण स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की कमी और प्राइवेट किताबों का अनावश्यक बोझ है।
नई नीति का प्रभाव: स्कूल बैग नीति 2020 के लागू होने से बच्चों का बोझ कम होगा और स्कूलों को बुनियादी सुविधाएं जैसे पीने का पानी उपलब्ध कराना होगा।
शिक्षा विभाग ने स्कूलों को नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। पांच साल बाद लागू हुई इस नीति को प्रभावी बनाने के लिए पूरे प्रदेश में निगरानी की जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। यह नीति न केवल विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगी, बल्कि स्कूलों को भी अपनी जिम्मेदारी समझने के लिए प्रेरित करेगी। अभिभावकों और विद्यार्थियों ने इस नीति का स्वागत किया है।
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