कैथल (रमन सैनी) जम्मू–कश्मीर में घायल हुए दिव्यांग फौजी मनोज शर्मा गुरुग्राम से चलकर रोहतक स्थित नेता जी सुभाष चंद्र बोस जी की मूर्ति पर पहुंचे जहां नवीन जयहिन्द उनसे मिले। दिव्यांग फौजी ने जयहिन्द को सभी दस्तावेज दिखाए और बताया कि पिछले 13 सालों में सरपंच से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक और हरियाणा में तीनों मुख्यमंत्रियों को मै अपनी समस्या सुना चुका हूं लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। जयहिन्द ने दिव्यांग फौजी की दुर्दशा देखते हुए मुख्यमंत्री को चेताते हुए कहा कि जो यह फौजी पिछले 13 सालों से धक्के खा रहा है, इसकी समस्या का समाधान 13 दिनों में हो जाना चाहिए, वरना हम फौजी को लेकर सीधा सीएम हाऊस पहुंचेंगे।
आपको बता दें कि मनोज शर्मा वायु सेना में सैनिक थे और जम्मू कश्मीर में लड़ाई के दौरान घायल हुए। इनकी मदद करने के लिए सेना द्वारा ही 2012 में सरकार की योजना के तहत 200 गज का प्लॉट के लिए अप्लाई किया गया था। लेकिन 13 साल में मनोज को शासन व प्रशासन से केवल आश्वासन ही मिला।
जयहिन्द का कहना है कि यह एक खराब व घटिया सिस्टम का उदाहरण है कि एक सैनिक पिछले 13 सालों से धक्के खा रहा है, इनको 200 गज का प्लॉट देने के नाम पर इनके साथ धोखाधड़ी की गई। जयहिन्द ने मानेसर निगम को भिखारी कहते हुए कहा जब ट्रिब्यूनल ने मानेसर निगम को ऑर्डर कर दिया कि फौजी को जमीन मिलनी चाहिए तो निगम हाईकोर्ट में जाकर कहता है कि हमारे पास देने के लिए जमीन नहीं है।
फौजी ने बताया कि मैं पक्ष व विपक्ष के विधायकों, सांसदों व मंत्रियों से भी मिल चुका हु लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। इस पर जयहिन्द ने राव इंद्रजीत व अरविंद शर्मा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि ये बहुत बड़े मंत्री है लेकिन इनकी कोई मानता भी है नहीं? और जब कोई आपकी मानता ही नहीं तो क्या फायदा आपके पद ओर प्रतिष्ठा का? मुख्यमंत्री जी कहते है कि उन्होंने तीन महीनों में 1.50 लोगों से मिले है और उनकी समस्या सुनी है, तो एक समस्या यह भी है, इस पर भी ध्यान दीजिए सीएम साहब। क्योंकि जब एक फौजी के साथ इस तरह का व्यवहार होता है तो इससे नौजवानों का और फ़ौजी भाइयों का मनोबल टूटता है। साथ ही जयहिन्द ने सीएम साहब को कहा कि इस तरह की लाखों समस्याएं है, आप अपने डीसी, एसडीएम, एसपी और जो भी ऑथोरिटीज है उन्हें इसके बारे में सतर्क कीजिए।
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