कैथल (रमन सैनी) महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय में शास्त्री पाठ्यक्रम में हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास और राजनीति विज्ञान जैसे विषयों को पुनः शामिल करने की मांग को लेकर छात्रों और शिक्षकों का संयुक्त धरना 73 वें दिन भी जारी है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब तक समस्या समाधान के लिए कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है। उल्टा, धरने पर बैठे पांच शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया और विश्वविद्यालय परिसर में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
जिसके कारण अब शिक्षक और छात्र विश्वविद्यालय गेट के सामने सड़क किनारे धरना दे रहे हैं। जब इतने दिनों तक कोई समाधान नहीं निकला, धरने पर बैठे शिक्षकों ने भूख हड़ताल शुरू शुरू कर दी है
आज क्रमिक भूख हड़ताल के दूसरे तीसरे दिन इंग्लिश विषय की निष्कासित प्रोफेसर, डॉ सुमन भूख हड़ताल पर बैठी। धरना स्थल पर शिक्षकों ने कहा कि वे तब तक भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे जब तक छात्रों और शिक्षकों की मांगें पूरी नहीं होतीं, अवैध निष्कासन रद्द नहीं किए जाते, और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को सही तरीके से लागू नहीं किया जाता।
यूनिवर्सिटी के डीन एकेडमिक ने पत्र भेजे कर हमें कहा है कि छात्रों के आंतरिक मूल्यांकन 3 दिन के अंदर जमा करे जबकि एक ओर कुलपति ने यूनिवर्सिटी में हमारा प्रवेश वर्जित कर रखा है तो हम आंतरिक मूल्यांकन कैसे जमा कर सकते है यह यूनिवर्सिटी द्वारा हम पर धरना बंद करने का दबाव बनाने का प्रयास है। हम मीडिया के माध्यम से फिर कुलपति को आग्रह करते है कि यूनिवर्सिटी में हमारा प्रवेश खोला जाए ताकि हम अपनी शैक्षणिक जिम्मेवारी पूरी कर सके और छात्रों का कोई नुकसान न हो।
आज आम आदमी पार्टी की शिक्षा विंग के उपाध्यक्ष, मास्टर सतबीर गोयत जी धरने पर पहुंचे हो धरने को अपना समर्थन दिया ओर छात्रों ओर शिक्षकों के हकों के संघर्ष में पूर्ण समर्थन का आश्वाशन दिया ।
मीडिया के माध्यम से अपील
हम मीडिया के माध्यम से सरकार और मुख्यमंत्री से अपील करते हैं कि विश्वविद्यालय में हो रही अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच कराई जाए। साथ ही, छात्रों और शिक्षकों की समस्याओं का शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जाए.
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