कैथल, 28 दिसंबर (रमन सैनी) जिला बाल संरक्षण अधिकारी प्रदीप कुंडू ने कहा अखबारों और सोशल मीडिया के माध्यम से अक्सर पढ़ने, देखने और सुनने में आता है कि अनचाहे नवजात बच्चे को कभी कूड़ेदान में तो कभी किसी नाली में या किसी अन्य असुरक्षित स्थान पर असुरक्षित तरीके से छोड़ या फेक दिया जाता है जिससे अक्सर नवजात की मृत्यु हो जाती है। आज के समाज में यह समस्या बहुत अधिक बढ़ गई है क्योंकि अक्सर अविवाहित लड़कियां या मां-बाप अपरिहार्य कारणों के चलते अज्ञानतावश अनचाहे नवजात बच्चों को जन्म लेते ही असुरक्षित रूप से फेंक देते हैं जो की नैतिक और कानूनी तौर पर गलत है यह पूर्णत गैरकानूनी है। लेकिन अगर कोई अविवाहित लड़की या कोई मां-बाप या कोई भी व्यक्ति अपरिहार्य कारणों से नवजात बच्चे को परित्यक्त करना या त्यागना चाहता है तो ऐसे में अनचाहे नवजात बच्चे का सुरक्षित रूप से त्याग करना अति आवश्यक है।
प्रदीप कुंडू ने यह जानकारी देते हुए आगे बताया कि अगर कोई व्यक्ति, अविवाहित लड़की या कोई भी मां-बाप किन्हीं भी अपरिहार्य कारणों से अगर अपने अनचाहे नवजात बच्चे का त्याग करना चाहते हैं तो वे कमेटी चौक कैथल स्थित सनातन धर्म मंदिर के द्वार पर बने शिशु पालनघर में अनचाहे नवजात बच्चे को सुरक्षित रूप से त्याग सकते हैं। शिशु पालनाघर अनचाहे बच्चों के सुरक्षित त्याग के लिए ही लगाया गया है। अनचाहे बच्चों को त्यागने वाले मां-बाप, अविवाहित लड़की या किसी भी व्यक्ति की जानकारी पूर्णतया गुप्त रखी जाती है। इस प्रकार से अनचाहे नवजात बच्चे को सुरक्षित तरीके से छोड़े जाने पर किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ता।
उन्होंने बताया कि अगर कोई मां-बाप किसी भी प्रकार के सामाजिक, आर्थिक या अन्य अपरिहार्य कारणों से अपने बच्चे को रखना नहीं चाहते तो ऐसा कोई भी व्यक्ति या मां-बाप अपने बच्चे को बाल कल्याण समिति या जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय में अभ्यर्पित या सुपुर्द कर सकते हैं। बच्चों को अभ्यर्पित या सुपुर्द करने की पूर्ण जानकारी बाल कल्याण समिति या जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय से किसी भी कार्य दिवस पर प्राप्त जा सकती है। ऐसे मां बाप या व्यक्ति का नाम पूर्णत गुप्त रखा जाता है।
उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि अगर किसी भी आमजन को अनचाहे नवजात बच्चे को असुरक्षित स्थान पर फेक जाने के बारे में पता चलता है तो इसकी जानकारी तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 या पुलिस कंट्रोल रूम 112 पर अवश्य दें। उन्होंने यह भी कहा कि इसके बारे में अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करें।
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