कैथल, 26 अक्तूबर: हरियाणा में शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने प्रदेशभर में शहरी क्षेत्र की प्रॉपर्टी आईडी का सर्वे करने वाली याशी कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर करोड़ों रुपये के भुगतान पर रोक लगा दी है। निदेशालय ने साथ ही कंपनी की सिक्योरिटी राशि जब्त कर टेंडर एग्रीमेंट भी रद्द कर दिया है। कंपनी को इससे बड़ा झटका लगा है। कंपनी पर शहर की प्रॉपर्टी आईडी का सर्वे ठीक से न करने आरोप लगे थे। लोकायुक्त जस्टिस हरिपाल वर्मा ने नोटिस जारी कर सरकार से इसका जवाब मांगा था। एक तरफ प्रॉपर्टी आईडी को लेकर विपक्ष लगातार सरकार को घेर रही है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के अधिकांश जिलों से इसको लेकर आए दिन किसी न किसी तरह के घपले सामने आते रहते हैं। प्रॉपर्टी आईडी सर्वे में बड़े घपले के लगते रहे आरोपों और भारी जन आक्रोश के बावजूद पिछले 2 वर्षों से खट्टर सरकार जिस प्रॉपर्टी आईडी सर्वे को एकदम सही बता रही थी, उस सर्वे कार्य को करने वाली याशी कम्पनी के खिलाफ़ सरकार ने अब सख्त कार्रवाई की है। प्रॉपर्टी आईडी सर्वे में घोटाले की शिकायत
पर लोकायुक्त जस्टिस हरि पाल वर्मा का नोटिस मिलते ही खट्टर सरकार ने सभी नगर पालिकाओं, नगर निगमों, नगर परिषदों में प्रॉपर्टी आईडी का सर्वे करने वाली जयपुर की याशी कम्पनी को ब्लैक लिस्ट करते हुए इसके कुल 8,06,36,069 रुपये के बकाया बिलों के भुगतान पर भी रोक लगा दी है। ठेका लेते वक्त कम्पनी द्वारा जमा कराई गई लाखों रुपये की परफॉर्मेंस बैंक गारन्टी राशि सरकार ने जब्त की है और टेंडर एग्रीमेंट भी रद्द कर दिया है। कंपनी की ठेका लेते वक्त कंपनी की जमा कराई लाखों रुपये की परफॉर्मेंस बैंक गारंटी राशि सरकार ने जब्त कर टेंडर एग्रीमेंट भी रद्द कर दिया है। आरटीआई कार्यकर्ता पीपी कपूर ने बताया कि इसमें लोकायुक्त कोर्ट ने आठ अगस्त को सरकार से जवाब मांगा था। शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने 12 सितंबर को याशी कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया।
RTI कार्यकर्ता ने प्रॉपर्टी आईडी सर्वे को बताया था बड़ा घोटाला
आरटीआई कार्यकर्ता पीपी कपूर पानीपत के समालखा निवासी ने प्रदेश के सभी 88 शहरों में करवाए गए प्रॉपर्टी आईडी सर्वे को बड़ा घोटाला बताया था। उन्होंने 19 जुलाई को शहरी निकाय मंत्री कमल गुप्ता, शहरी निकाय विभाग के तत्कालीन निदेशक सहित 88 अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। इन अधिकारियों में 12 आईएएस भी शामिल हैं। शिकायत में घोटाले की जांच सीबीआई से करा आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने, सर्वे करने वाली कंपनी याशी को ब्लैक लिस्ट करने व भुगतान के 57.55 करोड़ की पेमेंट ब्याज सहित वसूल करने की मांग की थी। उनका आरोप है कि 88 शहरों में करवाए गए प्रॉपर्टी आईडी सर्वे में बड़ा घोटाला हुआ है। सर्वे में 95 प्रतिशत तक गलती की गई। बावजूद इसके कंपनी को 57.55 करोड़ का भुगतान फर्जी वेरिफिकेशन के आधार पर कर दिया गया। सभी 42,75,579 संपत्तियों के मालिक इन त्रुटियों को ठीक कराने के लिए दलालों के हाथों लुट रहे हैं।
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