आपदा में सीपीआर के माध्यम से बचाई जा सकती है व्यक्ति की जान ।
कैथल, 27 अप्रैल जिला रैडक्रॉस सोसायटी के सचिव रामजीलाल ने कहा कि सीपीआर की ट्रेनिंग देश के हर नागरिक को होनी चाहिए ताकि किसी भी इमरजेंसी में आपदा में किसी जरूरतमंद व्यक्ति को बनावटी सास (सीपीआर ) देकर उसकी जान को बचाया जा सके। हम देखते हैं और सुनते हैं कि उस व्यक्ति को अटैक हो गया। हार्ट अटैक में यदि तुरंत सीपीआर किसी व्यक्ति को मिल जाता है, तो उसकी जान को बचाया जा सकता है।
जिला रैडक्रॉस सोसायटी के सचिव रामजी लाल जिला कैथल के कार्यालय में प्राथमिक चिकित्सा की ट्रेनिंग कार्यक्रम बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी के प्रधान एवं उपायुक्त जगदीश शर्मा के कुशल मार्गदर्शन में सोसायटी द्वारा इस तरह की ट्रेनिंग हर रोज करवाई जा रही है। उन्होंने प्राथमिक चिकित्सा की ट्रेनिंग ले रहे विद्यार्थियों को सीपीआर के महत्व के बारे बताया। उन्होंने कहा कि दुर्घटना में सबसे ज्यादा मौतें ब्रेन हेमरेज के कारण होती हैं। जिला रेडक्रॉस सोसाइटी में यह प्रशिक्षण हर रोज सुचारू रूप से चलता है, जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए जो ट्रेनिंग प्राथमिक चिकित्सा की दी जाती है एवं कंडक्टर लाइसेंस के लिए जो प्रोफेशनल ट्रेनिंग करवाई जाती है, उसका प्रशिक्षण करवाया जाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रशिक्षण जैसे जिम, होटल में कार्य कर रहे कर्मचारी, इंडस्ट्रीज में और जो पुलिस की 112 नंबर गाड़ी एवं 108 एंबुलेंस गाड़ी, सभी दफ्तरों में, मॉल में कार्य कर रहे कर्मचारियों को यह प्रशिक्षण जरूर लेना चाहिए। प्राथमिक चिकित्सा एवं सीपीआर की जरूरतमंद व्यक्ति को सीपीआर देकर अस्पताल पहुंचाया जाए, तो उसकी जान को बचाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के कानून अनुसार 30 मार्च 2016 में बना था उसके अनुसार कोई भी आदमी किसी को भी किसी अनजान व्यक्ति को प्राथमिक चिकित्सा देकर अस्पताल पहुंचाया जा सकता है। इस मौके पर जिला प्रशिक्षण अधिकारी डॉ बीरबल दलाल, प्राथमिक चिकित्सा के प्रशिक्षण ले रहे विद्यार्थी एवं जिला रेडक्रॉस सोसाइटी का स्टाफ मौजूद रहा।
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