कैथल, 9 अगस्त (अजय धानियां) कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. कर्मचंद ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के तहत कृषि यंत्रों पर ऑनलाईन एग्रीहरियाणाडॉटजीओवीडॉटईन पर आवेदन की अंतिम तिथि आगामी 14 अगस्त 2023 तक है। वित्तवर्ष 2023-24 में किसानों के लिए इस योजना के तहत कृषि यंत्रों पर 50 से 80 प्रतिशत अनुदान लेने का प्रावधान है। उल्लेखनीय है कि कृषि विभाग द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 में फसल अवशेष प्रबन्धन स्कीम के तहत कृषि यंत्रों के लिए ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। उप निदेशक डॉ. कर्मचंद ने बताया कि फसल अवशेषों को खेत में मिलाने व अन्य प्रबन्धन के लिए व्यक्तिगत श्रेणी के किसानो को 50 प्रतिशत व कस्टम हायरिंग सैन्टर स्थापित करने के लिए 80 प्रतिशत अनुदान पर कृषि यन्त्र उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया गया है। इच्छुक किसान इस योजना के तहत अब आगामी 14 अगस्त 2023 तक एग्रीहरियाणा पोर्टल पर कृषि यंत्रों के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस स्कीम के तहत विभिन्न फसल अवशेष प्रबन्धन कृषि यन्त्रों जैसे सुपर एसएमएस हैपी सीडर, पैडी स्ट्रा चोपर / स्रेडर / मल्चर, शर्ब मास्टर / रोटरी स्लेशर, हाईड्रोलिक रिवर्सीबल एमबी प्लाव, जीरो टील सीड ड्रील, सुपर सीडर स्ट्रा बेलर हे रेक सहित व कॉप रीपर (ट्रैक्टर चालित क्रॉॅप पर एंव स्वचालित रीपर कम बाईंडर) पर अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है।उन्होंने बताया कि इन कृषि यंत्रों का ऑनलाईन आवेदन करने उपरान्त किसानों को तीन दिन के अंदर-अंदर सभी दस्तावेज सहायक कृषि अभियन्ता कार्यालय में जमा करवाने होगें। ऑनलाइन आवेदन के लिए किसान का मेरी फसल मेरा-ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण होना अनिवार्य है। किसान को पंजीकरण के लिए हरियाणा राज्य में पंजीकृत ट्रैक्टर की वैध आरसी, बैंक खाता, पैन कार्ड, परिवार पहचान पत्र एवं आधार कार्ड की आवश्यकता होगी। यदि कोई किसान अनुसूचित जाति से संबंध रखता है, तो उसे अनुसूचित जाति प्रमाण-पत्र देना होगा। लघु व सीमांत श्रेणी का लाभ लेने हेतू किसान को पटवारी की रिपोर्ट देनी होगी। आवेदन करने वाले किसान को खेत में फसल अवशेष नही जलाने बारे पिछले दो वर्षों में उसी कृषि यंत्र पर अनुदान न लेने व आगे भी पांच वर्षो तक कृषि यन्त्र न बेचने बारे शपथ पत्र भी देना होगा। अधिक जानकारी के लिए किसान उप कृषि निदेशक / सहायक कृषि अभियंता कार्यालय, उपमण्डल कृषि अधिकारी कार्यालय तथा गांव के कृषि विकास अधिकरी से संपर्क कर सकते हैं।
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