कैथल, 27 फरवरी, डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने कहा कि सीमित भंडारो जैसे पैट्रोल, डीजल, कोयला, लकड़ी आदि को बचाने के लिए सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग करना वर्तमान समय की मांग है। सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से जहां सीमित संसाधन बचेंगे, वहीं वातावरण में प्रदूषण भी नहीं फैलेगा। राष्ट्रहित और स्वयं हित के लिए हमें ऊर्जा संरक्षण की दिशा में कार्य करना होगा।
डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा ऊर्जा संरक्षण का संदेश देने हेतू ऊर्जा संरक्षण की कहानी-ताऊ की जुबानी विषय पर बुकलेट का अनावरण करने के दौरान बोल रही थी। इस मौके पर उनके साथ एडीसी डॉ. बलप्रीत सिंह, एसडीएम डॉ. संजय कुमार, सीटीएम गुलजार अहमद,डीआईओ दीपक खुराना, डीसीडब्ल्यूओ बलबीर चौहान, रैडक्रॉस सचिव रामजी लाल आदि मौजूद रहे।
डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने कहा कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा ऊर्जा संरक्षण हेतू सौलर टयूबवेल योजना, सोलर इन्वर्टर चार्जर, सोलर पॉवर प्लांट, सोलर स्ट्रीट लाईट आदि योजनाएं चलाई जा रही है। जिन पर अनुदान भी दिया जा रहा है। पारपंरिक ऊर्जा के साधन कुछ वर्षों में समाप्त हो जाएंगे। पैट्रोल और डीजल के अधिक इस्तेमाल से वायुमंडल में लगातार कार्बन मोनोऑक्साईड गैस छोड़ी जा रही है, जिससे वातावरण प्रदूषित हो रहा है। इसलिए हम सबको सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए।
एडीसी डॉ. बलप्रीत सिंह ने कहा कि विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सभी को जागरूक किया जा रहा है। गत दिसंबर माह में ऊर्जा संरक्षण सप्ताह मनाया गया, जिसके तहत स्कूली विद्यार्थियों को ऊर्जा संरक्षण पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी करवाया गया। ऊर्जा संरक्षण की योजनाओं का लाभ लेने के लिए नजदीक के अटल सेवा केंद्र में आवेदन किया जा सकता है। उन्होंने आमजन से भी आह्वान किया कि बे फालतु के बिजली उपकरणों को बंद रखें। एलईडी लाईट का इस्तेमाल करें और जब जरूरत न हो तो लाईट बंद रखें। इसके साथ-साथ सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग करें।
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