गांववासियों में आक्रोश: अधिकारियों पर बिजली बेचने का संदेह, जल्द समाधान की मांग
24 घंटे बिजली देने के दावे फेल: रोहेड़िया गांव में रोज़ रात होती बिजली चोरी जैसी कटौती
Rama Saini, Report
कैथल, 10 जून। हरियाणा सरकार की 24 घंटे बिजली देने की योजना, स्कीम और दावे फिलहाल रोहेड़िया गांव में बुरी तरह फेल होते दिख रहे हैं। बीते एक सप्ताह से रोज़ाना रात 1 बजे से सुबह 4 बजे तक बिजली कटौती से गांववासी बुरी तरह परेशान हैं।
भीषण गर्मी में, जब तापमान 44 से 46 डिग्री तक पहुंच रहा है, ऐसे में रात की नींद छिन जाना किसी सज़ा से कम नहीं है। गांव में हर घर में मीटर है, 100% लोग बिजली बिल भी नियमित रूप से भरते हैं, फिर भी इस तरह की कटौती ने पूरे गांव को चिंता में डाल दिया है।
“समझ नहीं आता, हर दिन एक ही समय पर क्यों जाती है बिजली?”
रोहेड़िया गांव के निवासी इस बात को लेकर हैरान हैं कि बिजली कोई तकनीकी कारण से नहीं, बल्कि शायद जानबूझकर बंद की जा रही है।
हर रोज़ एक ही समय पर बिजली जाना और सुबह 4 बजे के बाद ही लौटना, यह दिखाता है कि यह कोई रैंडम फॉल्ट नहीं बल्कि प्रणालीबद्ध गड़बड़ी है।
“क्या अधिकारी बेच रहे हैं गांव की बिजली?”
गांववासियों की तरफ से उठाया गया बड़ा सवाल है । गांव वासी मनोज कुमार तेजपाल,सतबीर सिंह, विजय कुमार, चंद्रभान, सोहन कुमार, मोहित कुमार, धर्मवीर सिंह, मुकेश कुमार, संजीव कुमार व समस्त रोहेड़िया गांववास ने बताया कि हमारे गांव में न तो ट्रांसफार्मर खराब है, न पोल टूटे हैं, न कोई बड़ा तकनीकी फॉल्ट। फिर रोज़ रात एक ही समय पर बिजली क्यों गायब हो जाती है? क्या कोई अधिकारी रात के समय यह बिजली किसी फैक्ट्री, मिल या प्राइवेट यूनिट को बेच रहे हैं? अगर नहीं तो बिजली विभाग पारदर्शी जांच करवा कर हमें सच बताए। हम 100% मीटर वाले गांव हैं, और सभी उपभोक्ता समय पर बिजली बिल भरते हैं, फिर यह अन्याय क्यों?”
गांववासियों की रातें बनीं अजमाइश का समय
रात 1 से 4 बजे तक की तीन घंटों की नींद छिनने से सबसे ज़्यादा असर बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों पर पड़ रहा है।
बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। महिलाएं कहती हैं कि घर के अंदर दम घुटने लगता है। पंखा बंद, कूलर बंद, इनवर्टर डिस्चार्ज और पीने का ठंडा पानी भी उपलब्ध नहीं।
गांव की महिलाएं बताती हैं कि सुबह कामकाज का समय होता है और रात को आराम की ज़रूरत, लेकिन बिजली नहीं होने से हर दिन एक सज़ा जैसी बीतती है।
बुजुर्गों को बार-बार नींद से उठकर बाहर आंगन या छत पर जाना पड़ता है क्योंकि घुटन और गर्मी में शरीर जवाब दे देता है।
विभाग नहीं दे रहा कोई स्पष्ट जवाब
गांववासी बताते हैं कि जब उन्होंने बिजली विभाग के 1912 में बात की तो या तो फोन उठाया गया या उन्हें यह कहकर टाल दिया गया कि “लोड ज़्यादा है” या “लाइन में फॉल्ट है”।
लेकिन सवाल यही है कि अगर फॉल्ट होता तो वह कभी भी, किसी भी समय हो सकता था, यह कैसे हो सकता है कि पूरे सप्ताह में सिर्फ रात 1 बजे से 4 बजे तक ही बिजली कटे?
गांववासी विभाग की मंशा पर सवाल उठाने लगे हैं। कई लोगों का तो कहना है कि यह मिलिभगत से हो रहा खेल है, जिससे विभागीय कर्मचारियों को कोई विशेष लाभ मिल रहा हो सकता है।
गांव की जनता शांत नहीं बैठेगी: ज्ञापन और विरोध की तैयारी
रोहेड़िया गांववासी अब इस मुद्दे को गंभीरता से उठाने की तैयारी में हैं।
अगले दो दिन में बिजली विभाग के एसडीओ, एक्सईएन और डीसी कार्यालय में शिकायत पत्र (ज्ञापन) सौंपा जाएगा, साथ ही पूरे गांव की ओर से एक सामूहिक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया जा रहा है।
यदि फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई तो गांव की पंचायत एकत्र होकर बिजली विभाग के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करने पर मजबूर होगी। गांव के लोगों का यह भी कहना है कि यदि अधिकारी बिजली बेचने में लिप्त पाए गए तो उनके खिलाफ FIR की मांग भी की जाएगी।
100% बिल भुगतान करने वाला गांव फिर क्यों भुगते?
रोहेड़िया गांव का एक खास तथ्य यह है कि यहां हर घर में बिजली का मीटर लगा हुआ है, और गांव के सभी उपभोक्ता बिजली के बिल समय पर भरते हैं।
इसके बावजूद इस प्रकार की नियमित बिजली कटौती गांव के लिए अपमानजनक और अन्यायपूर्ण है।
गांव की छवि एक आदर्श उपभोक्ता ग्राम के रूप में रही है, लेकिन यह घटना उसकी ईमानदारी पर सवाल उठा रही है।
सरकार के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे
हरियाणा सरकार द्वारा “24×7 बिजली” देने की जो योजनाएं शुरू की गई थीं, वे रोहेड़िया गांव जैसे उदाहरणों से कमजोर पड़ती जा रही हैं।
योजना तो थी कि जिन गांवों में 100% मीटर और बिल भुगतान होगा, वहां 24 घंटे बिजली दी जाएगी — लेकिन यहां उल्टा हो रहा है।
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