कैथल, 9 सितम्बर (अजय धानियां) जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी दानिश गुप्ता ने बताया कि हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कैथल के अध्यक्ष एवं जिला एवं सत्र न्यायधीश संदीप गर्ग की देखरेख में शनिवार को न्यायिक परिसर में लोक अदालत का आयोजन किया गया और लोगों को प्रेरित किया कि लोक अदालत में अधिक से अधिक मामलों को निपटा कर लोक अदालत का फायदा उठायें।इस लोक अदालत में संदीप गर्ग जिला एवं सत्र न्यायधीश, संगीता राय सचदेव अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश, देवन्द्र सिंह अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय, प्रवेष सिंगला मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, अनिता रानी सिविल न्यायाधीश (जूनियर डिवीजन), अश्वनी गुप्ता सिविल न्यायाधीश (जूनियर डिवीजन) कैथल, सचिन यादव अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) गुहला डिविजन के बैंच गठित किये गये थे।उन्होंने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 15 हजार 458 लंबित मामलों को रखा गया था, जिसमें से 9 हजार 566 मामलों का निपटारा किया गया। कुल मुबलिक 11 करोड़ 46 लाख 50 हजार 590 रुपये की राशि के विभिन्न आपराधिक, एन आई एक्ट, बैंक रिकवरी, मोटर वाहन, श्रम से संबंधित विवाद मामले, राजस्व मामले अन्य मामलों का इस राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निपटारा किया गया है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत की विशेषता है कि इसमें कोई न्यायालय शुल्क नहीं है और यदि न्यायालय शुल्क का भुगतान पहले ही कर दिया गया है, तो लोक अदालत में विवाद का निपटारा होने पर इसे वापिस कर दिया जाता है। लोक अदालत एक ऐसी अदालत है, जिसमें मामलों (विवादों) का निपटारा पक्षकारों की पारस्परिक सहमति से किया जाता है। इसमें न किसी पक्षकार की जीत होती न हार। दोनों पक्षों में पुन: स्नेह, सौहार्द एवं बन्धुत्व का भाव उत्पन्न हो जाता है। लोक अदालत की विशेषता है कि यह शीघ्र व सस्ते न्याय का स्त्रोत है। इसे जनता की अदालत भी कहा जाता है। यह निष्पक्ष और सरल न्याय प्रदान करता है। लोक अदालतों द्वारा संपत्ति की मांग, वित्तीय विवाद और वैवाहिक मुद्दों जैसे पारिवारिक विवादों को व्यापक रूप से और प्रभावी ढ़ग से हल किया जाता है। लोक अदालत में मामले का निपटारा तुरन्त हो जाता है और सभी को न्याय आसानी से मिल जाता है।
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