कैथल, 29 मई, डीसी जगदीश शर्मा ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा भू-जल स्तर को सुधारने के लिए पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर किसानों को धान की सीधी बिजाई के लिए 4 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। विभाग द्वारा किसानों के हित में व्यापक योजनाएं चलाई जा रही हैं और गांवो व खेतों में जाकर प्रशिक्षण भी दिए जा रहे हैं।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ. कर्मचंद ने बताया कि जो किसान डीएसआर मशीन से धान की सीधी बिजाई करना चाहते हैं, उनको विभाग की तरफ से 4 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। इसके लिए किसानों को मेरी फ सल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर भी अपना पंजीकरण करवाना होगा। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक अगर धान की बिजाई परम्परंपरागत तरीके की बजाए सीधी बिजाई पद्धति से की जाए तो 20 से 25 प्रतिशत पानी की बचत के साथ-साथ लेवर खर्च में भी बचत होगी। इस पद्धति द्वारा बिजाई करने से धान की पैदावार में कोई अंतर नहीं आता और कद्दू करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी व साथ में नर्सरी उगाने का झंझट भी नहीं होगा। धान बिजाई की इस विधी में 6 से 8 कि0ग्रा0 प्रति एकड़ बीज की जरूरत होगी। इस विधि की बिजाई करने के लिए सहायक कृषि अभियंता कार्यालय जिला परिषद भवन, जींद रोड कैथल में भी मशीन उपलब्ध है। जिसके लिए किसान पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर अपना पंजीकरण पोर्टल पर करवा सकते हैं। इस विधि द्वारा बिजाई की गई धान में बीमारियां जैसे झंडा रोग पैदावार रोपित की गई धान के बराबर आती है और दानें में चमक के कारण मण्डी में भाव भी अधिक मिलता है। अत: सभी किसानों से अनुरोध है कि जल्द से जल्द पोर्टल पर पंजीकरण करवाएं व स्कीम का लाभ उठायें।
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