कैथल, 16 जून ( ) जिला नगर योजनाकार अधिकारी राजकीर्ति ने बताया कि जिला में विकसित हो रही अवैध कॉलोनियों पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। इसी के दृष्टिगत कैथल शहरी क्षेत्र की राजस्व सम्पदा पट्टी गादड़ में 3 एकड़ में बनी अवैध कॉलोनी को जिला प्रशासन की मदद से हटाया गया। यह जानकारी देते हुए जिला नगर योजनाकार अधिकारी राजकीर्ति ने बताया कि जिला प्रशासन के सहयोग से शहरी क्षेत्र कैथल के अधीन पट्टी गादड़ में पनप रही अवैध कॉलोनी को जेसीबी द्वारा पूर्वनियोजित कार्यक्रम के तहत हटाया गया। इस दौरान ईओ नगर परिषद कुलदीप मलिक बतौर ड्यूटी मैजिस्ट्रेट तैनात रहे। उन्होंने बताया कि डीटीपी कार्यालय का अमला पुलिस बल के साथ अवैध निर्माण को हटाने के लिए दोपहर 12 बजे घटना स्थल पर पहुंचा और निर्माणाधीन चार दीवारी व मिट्टी की सड़कों का हटाने का कार्य शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि कैथल से जींद रोड पर गुलमोहर सिटी के नजदीक अवैध कॉलोनी पनपने का मामला सामने आया था, जिसके उपरांत विभाग द्वारा भूस्वामी और प्रॉपर्टी डीलरों को एचडीआर एक्ट 1975 की धाराओं के तहत नोटिस जारी करके कॉलोनी विकसित करने के लिए जरूरी अनुमति प्राप्त करने वाले आदेश दिए गए थे, परंतु भूस्वामी और प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा न तो मौके पर बनाई जा रही अवैध कालोनी का निर्माण रोका और न ही विभाग से किसी प्रकार की अनुमति ली। पीला पंजा चलाने के साथ-साथ अवैध कालोनी विकसित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी अमल में लाई जा रही है। उन्होंने आम लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है कि वह सस्ते प्लाट के चक्कर में प्रॉपर्टी डीलरों के बहकावे में न आए और न ही अवैध कालोनियों में प्लाट खरीदें। मकान खरीदने से पहले जिला योजनाकार कार्यालय से पूर्ण जानकारी प्राप्त कर लें। सभी प्रॉपर्टी डीलर का भी आह्वान किया गया है कि वे सरकार द्वारा चलाई गई हाउसिंग स्कीम, दीनदयाल हाउसिंग स्कीम, अफॉर्डेबल हाउसिंग स्कीम, जिसमें 5 एकड़ भूमि पर लाइसेंस प्रदान किया जाता है। कॉलोनी काटने की जरूरी अनुमति प्राप्त करें, ताकि शहर वासियों को सस्ता मकान उपलब्ध हो सके। यदि कोई व्यक्ति अवैध कालोनी में प्लाट आदि खरीदता है तो उसके विरूद्ध भी कार्यालय द्वारा कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, जिसमें 50 हजार रुपए तक का जुर्माना व तीन साल की सजा प्रावधान है।
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