स्लम एरिया में टीबी परियोजना के अंतर्गत गतिविधियां एवं स्क्रीनिंग, स्वास्थ्य शिविर का हुआ आयोजन

March 14, 2023 64 0 0


कैथल, 14 मार्च, जिला रैडक्रॉस सोसायटी द्वारा शक्ति नगर नजदीक दादा खेड़ा के पास स्लम एरिया  में टीबी परियोजना के अन्र्तगत गतिविधियां एवं स्क्रीनिंग, स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। यह जानकारी देते हुए जिला रैडक्रॉस सोसायटी के सचिव रामजी लाल बताया कि शिविर में स्वास्थय विभाग की टीम द्वारा शक्ति नगर के स्लम एरिया में रह रहे सैकडों व्यक्तियों के स्वास्थय की जांच की गई । शिविर में युवक एवं युवतियों के हीमोग्लोबीन की जांच, बीपी, बल्ड शुगर, बल्ड ग्रुप एवं स्वास्थ्य से संबंधित सामान्य चैक-अप किए गए एवं जरूरतमंद लोगों को उनकी आवश्यकता अनुसार नि:शुल्क दवाईयां वितरीत की गई।
रामजी लाल ने बताया कि हीमोग्लोबीन की मात्रा को बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक शुद्ध शाकाहारी भोजन, फ ल एवं हरी सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए। हमें स्वास्थय शिविरों का अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए और नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच करवानी चाहिए। उन्होंने बताया कि कैथल टीबी से मुक्ति की ओर अग्रसर है। टीबी हारेगा-देश जीतेगा। टीबी के लक्षण आएं-तुरन्त डाक्टर के पास जाएं। टीबी क्षय रोग के लक्षण होने पर दो हक्रते से अधिक खंासी, बुखार आना, रात में पसीना आना, भूख न लगना और वजन घटना आदि प्रमुख लक्षण है। आधुनिक जांच और ईलाज की सुविधा सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में मुक्रत उपलब्ध है। टीबी के जीवाणु खांसने और छीकनें से फैलते है। खांसते समय मुंह ढ़क कर रखें। अत: हमें सावधानी बरतनी चाहिए। सरकार द्वारा दी गई सभी सुविधाएं सरकारी और प्राईवेट मरीजों के लिए मुफ्त उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि अच्छा खान-पान न करने वालों को टीबी ज्यादा होती है, क्योंकि कमजोर इम्यूनिटी से उनका शरीर बैक्टीरिया का वार नही झेल पाता। जब कम जगह में ज्यादा लोग रहते हैं तब इन्फैञ्चशन तेजी से फैलता है। अंधेरी और सीलन भरी जगहों पर भी टीबी ज्यादा होती है, क्योंकि टीबी का बैक्टीरिया अंधेरे में पनपता है। यह किसी को भी हो सकता है, क्योंकि यह एक से दूसरे में संक्रमण से फैलता है। स्मोकिंग करने वाले को टीबी का खतरा ज्यादा होता है । डायबीटीज के मरीजों, स्टेरॉयड लेने वालों और एचआईवी मरीजों को भी खतरा ज्यादा । कुल मिलाकर उन लोगों को खतरा सबसे ज्यादा होता है जिनकी इम्यूनिटी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। हमें स्वयं एवं दूसरों को टीबी से संबन्धित फैलने वालों रोगों से बचाव बारे जानकारी सांझा करनी चाहिए, जिससे कि हम टीबी से फैलने वाली बीमारियों से अपना बचाव रख सकें ।
उन्होंने बताया कि टीबी प्रोजैक्ट के अंन्तर्गत प्रधानमंत्री की टीबी मुक्त अभियान के तहत लोगों को प्रतिमाह डाइट राशन, घर-घर जाकर लोगों को दवाईंया व जरूरतों को पूरा किया जा रहा है। हमें बीमारी से घृणा करनी चाहिए न कि बीमार से। बीमारी चाहे कोई भी हो बीमार व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत रहना चाहिए। टीबी के रोगियों को चाहिए कि वे अपनी दवा समय पर करते रहे । केन्द्र सरकार 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य को सफ ल करने में सोसायटी टीबी रोगियों को लगातार संभाल रही है । निक्षय मित्र योजना के अंतर्गत बनाए गए डोनरों, दाताओं और उन द्वारा गोद लिए गए 235 टीबी पीडि़त रोगियों की सहायतार्थ रैडक्रॉस सोसायटी एवं अन्य सामाजिक संस्थाओं द्वारा न्यूट्रिशन सुर्पोट का जिवमा उठाया गया है, जिससे टीबी पीडि़त रोगियों को 6 माह तक पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि सामाजिक व स्वैच्छिक संस्थाओं से अपील की कि वे टीबी से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए राशन किट, न्यूट्रीशियन सुर्पोट उपलब्ध करवाने में अपना पूर्ण सहयोग देवें, जिससे प्रधानमंत्री की टीबी मुक्त अभियान के तहत रोगियों को राशन किट उपलब्ध करवाकर उनकी आवश्यकता अनुसार सहायता की जा सके। इस मौके पर सिविल अस्पताल से डॉ. हर्षित जिन्दल, संजय कुमार, सन्दीप सिह, बलराज ढुल, जितेन्द्र कुमार, सोनिया, डॉ. बीरबल दलाल, पवन कुमार ने अपना सहयोग प्रदान किया।


Categories: कैथल, ब्रेकिंग न्यूज, लेटेस्ट न्यूज़, हरियाणा
share TWEET PIN IT SHARE share share
Leave a reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »
error: Content is protected !!