कैथल (अजय धानियां) हरियाणा व्यापार कल्याण बोर्ड के सदस्य एवं वरिष्ठ भाजपा नेता रवि भूषण गर्ग ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला के राक्षस वाले बयान की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वही पार्टी है जिसे भगवान श्री राम और रामसेतु के अस्तित्व को ही नकार दिया था। जो अपनी संस्कृति सभ्यता और धार्मिक मान्यताओं पर ही सवाल खड़े करते आए हो उनसे इससे ज्यादा क्या उम्मीद की जा सकती है। भाजपा को वोट देने वाली जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं को सुरजेवाला ने राक्षसी प्रवृत्ति का कहकर अपनी लगातार हार की बौखलाहट का परिचय दिया है। वे वीरवार को अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। बीजेपी का हर कार्यकर्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से आता है और वह सबसे बड़ा राष्ट्र भक्त संगठन है। यह संस्कृति और संस्कारों की पाठशाला है लेकिन सुरजेवाला जी पार्टी से आते हैं उनका इनसे दूर-दूर का नाता नहीं है। उन्हें जींद और कैथल की जनता ने लगातार तीन बार करारी हार दी है इसलिए उन्हें तो मतदाता रूपी भाग्य विधाता नागरिक राक्षस दिखाई देने लगे हैं। गर्ग ने कहा कि एक राष्ट्रीय पार्टी के कितने बड़े होदेदार को इस तरह की भाषा और व्यवहार शोभा नहीं देता। इसके लिए उन्हें देश और प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस जिसका प्रतिनिधित्व रणदीप सुरजेवाला जी करते हैं उस कांग्रेस ने 1975 में पूरे देश को जेल के रूप में परिवर्तित कर दिया था। राजनीतिक सामाजिक और धार्मिक लोगों को जेलों में डाल दिया था। उनके साथ दुर्व्यवहार किए गए। आज सुरजेवाला जी भगवान रूपी जनता को राक्षस बता रहे हैं। यह उनकी ओछी मानसिकता का प्रतीक है आने वाले चुनाव में 2024 में जनता इस बात का सारा हिसाब किताब कर लेगी। जहां तक बात भारतीय जनता पार्टी की है मैं तन से मन से और धन से 1980 से पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता हूं। यदि पार्टी में 2024 के चुनाव में मुझे टिकट दिया या मुझे कैंडिडेट बनाया। चाहे लोकसभा का हो चाहे विधानसभा का इसका जवाब जनता देगी और मैं पार्टी के आदेश के अनुसार चुनाव लड़ने के लिए पहले भी तत्पर था आज भी तत्पर हूं। मेरी पार्टी ने गरीबों के बच्चों को मुफ्त नौकरी प्रदान की है इस पर न तो कोई खर्चा ना कोई पर्चा लगा है। हम तो राक्षसी प्रवृत्ति के हैं जिन्होंने नौकरियां बेची। लोगों से लाखों रुपए ऐंठ कर उनके बच्चों को नौकरी पर लगाया, वे देवता हैं। अभी सुरजेवाला जी आपको श्राप देने का भी कोई अधिकार नहीं है। पहले जाइए जंगलों में तपस्या कीजिए। वह शक्ति अर्जित कीजिए जिसके बल पर आप श्राप देने के योग्य हो सकें।
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