कैथल, 5 सितंबर (अजय धानियां) कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ. कर्मचंद ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि धान कटाई का सीजन नजदीक आ रहा है, इसलिए पर्यावरण एवं जनहित में किसान पराली में आग न लगाए बल्कि उसका उचित प्रबंधन करना सुनिश्चित करे। हरियाणा सरकार के निर्णय अनुसार जो किसान धान की पराली के बंडल स्ट्रा बेलर की मदद से बनावेगा, उस किसान को प्रति एकड़ 1 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाएगी। डीडीए डॉ. कर्मचंद ने बताया कि इस वर्ष जो किसान गैर-बासमती और मुच्छल किस्त के धान के खेत में हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, रिवर्सिबल प्लो, जीरो ड्रिल द्वारा पराली अवशेषों को भूमि में मिक्स करेगा, उसे भी 1 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। जो किसान मशीनों द्वारा पराली अवशेषों को मिट्टी में मिलाने का कार्य करेंगे, वह किसान प्रत्येक एकड़ में पराली का प्रबंधन करते हुए जीपीएस लोकेशन वाली तस्वीरों का रिकॉर्ड अपने पास रखेंगे। पोर्टल पर पंजीकृत किसानों द्वारा किए गए पराली प्रबंधन के कार्य का सत्यापन ग्राम स्तरीय कमेटी द्वारा किया जाएगा। इसके पश्चात उपायुक्त कैथल की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय कमेटी के अनुमोदन के बाद पात्र किसानों को प्रोत्साहन राशि का लाभ दिया जाएगा। किसान विभागीय पोर्टल एग्रीहरियाणा.जीओवी.इन पर 30 नवंबर 2023 तक अपना पंजीकरण करवाए। इस पोर्ट पर पंजीकरण से पहले किसान मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर पहले से पंजीकृत होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ हरियाणा सरकार द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि जिला कैथल स्थित गौशालाओं को धान की पराली-बेल उठाने के लिए यातायात खर्च के एवज में 500 रुपए प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि भी प्रदान की जाएगी। एक गौशाला के लिए अधिकतम सहायता देय राशि की सीमा 15 हजार रुपए होगी। गौशाला का गौ सेवा आयोग के साथ पंजीकृत होना अनिवार्य है। गोसेवा अपना क्लेम उप कृषि निदेशक कार्यालय को सौंपेगी, इसके उपरांत जिला स्तरीय कमेटी द्वारा सत्यापन व अनुमोदन उपरांत प्रोत्साहन राशि गौशाला के बैंक खाते में जमा करवा दी जाएगी।
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