कैथल, 12 फरवरी, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती दिव्य आत्मा थे और वो आज भी हम सभी के बीच एक ऐसी विचारधारा के तौर पर जिंदा हैं, जो अपने जीवन, अपने परिवार से अधिक समाज की चिंता करने व समाज की भलाई में अपना योगदान देने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने आर्य समाज की स्थापना करते हुए देश व समाज के लिए जो योगदान दिए, उन्हें हम कभी भुला नहीं सकते।
रविवार को आर्य समाज मंदिर परिसर में आर्य समाज सभा कैथल शहर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर पहुंची महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जन्म जयंती की शुभकामनाएं दी।ध्वजारोहण उपरांत राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने उपस्थित नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत संत, महात्मा, महापुरूषों की धरती है, जहां समय-समय पर ऐसी दिव्य आत्माएं जन्मी हैं, जिन्होंने देश ही नहीं पूरी दुनिया को रास्ता दिखाया है। भारतीय संस्कृति, संस्कार का पूरी दुनिया में प्रचार-प्रसार हो और प्राचीन भारतीय संस्कृति और वेदों को उनका खोया हुआ गौरव मिले, इसके लिए स्वामी दयानंद सरस्वती ने ताउम्र योगदान दिया। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति में जातिवाद, क्षेत्रवाद जैसा भेदभाव बडी बाधा रहा है। इस समस्या को स्वामी दयानंद सरस्वती ने समझा और इसके समाधान के लिए संघर्ष करते हुए जाति व्यवस्था का विरोध किया।
राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि देश को आजादी दिलाने में आर्य समाज विचारधारा का बडा योगदान रहा। नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, लाला लाजपत राय, चंद्रशेखर आजाद, वीर सावरकर जैसे अनेकों महान देशभक्तों ने अपना योगदान दिया। जब धर्म की रक्षा करने की बात आई तो आमजन को जागरूक करने के लिए उन्होंने सत्यार्थ प्रकाश की रचना की। हिंदी भाषा की रक्षा करने के लिए उन्होंने अधिक से अधिक हिंदी के प्रयोग पर जोर दिया। स्वामी दयानंद सरस्वती कहते थे कि भारतीय नारी अबला नहीं हैं, भारतीय नारी सबला हैं। महिला सशक्तिकरण के लिए उन्होंने दहेज प्रथा, सती प्रथा जैसी बुराईयों का जोरदार विरोध किया। उन्होंने नारी को पूजनीय और घर की लक्ष्मी कहा। राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने खुशी जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल उनके विचार को आगे बढाते हुए देश व प्रदेश को मजबूत कर रहे हैं। आज बेटियों की अच्छी शिक्षा के लिए हर 20 किलोमीटर पर कालेज की व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश में 29 आईटीआई खोली गई हैं, ताकि बेटियों का कौशल विकास के अच्छे अवसर दिए जा सकें। आज स्वरोजगार स्थापित करने में बेटियां बेटों से आगे हैं। मुद्रा योजना में 70 प्रतिशत लाभार्थी बेटियां हैं। यह सब आठ साल पहले शुरू हुए बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान का परिणाम है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि समाज और देश को उठाने के लिए बेटियों और महिलाओं को सम्मान देना और उनके अनुकूल माहौल देना हम सभी की जिम्मेदारी है। इसलिए आज स्वामी दयानंद सरस्वती के 200वीं जन्म जयंती अवसर पर हम उनके दिखाए रास्ते पर आगे बढने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने आर्य समाज कैथल शहर द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में रक्तदान के माध्यम से जरूरतमंद मरीज के जीवन की रक्षा करने वाले सभी रक्तदाताओं को भी शुभकामनाएं दी और समाज उत्थान के लिए पांच लाख रूपए की राशि अपने स्वैच्छिक कोष से देने की घोषणा की। इस अवसर पर सभा प्रधान पवन कुमार आर्य, डॉ देवव्रत खरबंदा, सत्यदेव चौधरी, संजय कुमार सेतिया, डॉ नफे सिंह, दिनेश गुप्ता, पुष्पा आर्य, रामबिलास, बदन सिंह, रामकुमार, रामदत्त, गुलशन चुघ आदि मौजूद रहे।
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