कैथल, 1 मार्च ( ) कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ. कर्मचंद ने बताया कि इस समय दिन के तापमान में अचानक वृद्धि हो रही है, इस समय दिन का तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस व रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहता है, जिसके लिए किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि रात व दिन का तापमान मिलाकर औसत 22 डिग्री सेल्सियस गेहूं की पैदावार के लिए सबसे उत्तम माना गया है। औसत तापमान 24 डिग्री सेल्सियस तक को फ सल सहन कर सकती है, पर दिन का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर होने पर गेहूं के बनने वाले दानों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। बढ़े हुए उच्च तापमान से बचने के लिए किसानों को आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई करने की सलाह दी जाती है। जब तेज हवा चल रही हों, तो सिंचाई रोक दें अन्यथा फ सल के गिरने से नुकसान हो सकता है। जिन किसानों के पास फ व्वारा सिंचाई की सुविधा है, वे दोपहर को तापमान वृद्धि के समय आधा घंटा फ व्वारे से सिंचाई कर सकते हैं। गेहूं में बालियां निकलते समय या अगेती गेहूं की बालियां निकली हुई हैं, तो भी 0.2 प्रतिशत पोटैशियम क्लोराईड यानि 400 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश (पोटाश खाद) 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करने से तापमान में अचानक वृद्धि से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। पछेती बिजी हुई गेहूं में पोटाशियम क्लोराईड का छिड़काव 15 दिनों के अन्तराल पर दो बार किया जा सकता है।
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