कैथल जिला से गुरदयाल मलिकपुर को प्रथम व कर्मजीत चीका को द्वितीय 9वें वैजीटेबल एक्सपो कार्यक्रम में बैस्ट होर्टिकल्चर किसान के रूप में  पुस्कार हुआ प्राप्त–डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने किसानों को दी बधाई

February 25, 2023 51 0 0


कैथल, 25 फरवरी (             ) घरौंडा (करनाल) में आयोजित हुए 9वें वैजीटेबल एक्सपो कार्यक्रम में बैस्ट होर्टिकल्चर किसान के रूप में कैथल जिला से गुरदयाल मलिकपुर को प्रथम व कर्मजीत चीका को द्वितीय पुस्कार प्राप्त हुआ है। यह पुरस्कार हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल द्वारा प्रदान किया गया। डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने दोनों किसानों को प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त होने पर बधाई भी दी। डीसी ने कहा कि किसान अपनी आय में वृद्धि करने के लिए अपने खेतों में सब्जी, फल व अन्य फसल उगाएं। हरियाणा सरकार द्वारा भी किसानों के हित में अनेक कल्याणकारी योजनाएं क्रियान्वित कर रही है, जिसका लाभ किसान उठा रहे हैं। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, जिला उद्यान विभाग, शुगरमिल आदि विभागों के माध्यम से किसानों को विभिन्न स्कीमों के माध्यम से लाभ प्रदान किया जाता है। डीएचओ प्रमोद कुमार ने किसानों को बधाई देते हुए कहा कि जैसे जिला के किसान गुरदयाल मलिकपुर व कर्मजीत चीका ने प्रथम व द्वितीय पुरस्कार हासिल किया है, अन्य किसान भी इनसे प्रेरणा लेकर सब्जी, फल व अन्य फसलों का उत्पादन करके अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं। किसानों को समय-समय पर ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाकर भी जागरूक किया जाता है

 कहना है प्रगतिशील किसान गुरदयाल मलिकपुर का।

प्रगतिशील किसान गुरदयाल मलिकपुर से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि सब्जी में उत्कृष्ट कार्य करने पर उन्हें प्रथम पुरस्कार मिला है। इसको लेकर उन्हें बेहद खुशी हुई है। उन्होंने कहा कि यदि किसान ठान लें कि आय में बढ़ोत्तरी करनी है तो सबसे बढि़या रास्ता सब्जी, फलों, फूलों आदि की खेती का है। अपने खेत में निष्ठा से कार्य करने वाला किसान अपनी आय दुगुणी तो करेगा ही साथ ही वह दूसरों किसानों के लिए प्रेरणा भी बनेगा। उन्होंने सब्जी की खेती के कार्य की शुरूआत 4 एकड़ से की थी और अब लगभग 50 एकड़ में खेती कर रहा है। आलू, मटर, गाजर, घीया, तोरी, तरबूज, खीरा, टींडा आदि की खेती करके आय में अच्छी बढ़ोत्तरी की है। ना करने वालों के लिए कुछ नहीं और करने वालों के लिए सब कुछ है। यदि छोटा किसान भी 4 एकड़ में सब्जी की एडवांस खेती करें तो लगभग 4 लाख रुपये की आय कर सकता है और यह किसान के लिए पर्याप्त है। अलग खेती ने उन्हें बहुत मान-सम्मान भी दिया है। राष्ट्रीय लेवल पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तौमर ने सम्मानित किया था। इसके अलावा प्याज की खेती करने पर एनएचआरडीएफ द्वारा भी स्टेट अवार्ड मिला। आलू की अच्छी खेती करने पर श्यामगढ़ में सम्मान मिला। इसके  अलावा अनेकों बार जिला प्रशासन द्वारा सभी सम्मानित किया गया। इस सम्मान के पीछे सब्जी, फलों आदि की खेती है। किसान को परंपरागत खेती को छोड़कर कुछ अलग से खेती करनी चाहिए, ताकि वह अपनी आय में बढ़ोत्तरी कर सके।

क्या कहना है प्रगतिशील किसान कर्मजीत चीका का।

प्रगतिशील किसान कर्मजीत चीका का कहना है कि घरौंडा (करनाल) में आयोजित हुए 9वें वैजीटेबल एक्सपो कार्यक्रम में बैस्ट होर्टिकल्चर किसान के रूप में द्वितीय पुरस्कार हासिल हुआ है। विभिन्न विभागों द्वारा समय-समय पर जागरूक किया, जिसके तहत मैंने ड्रिप सिस्टम व मल्चिंग विधि से खेती करने की शुरूआत की। अब वह 9 एकड़ में खरबूजा व 2 एकड़ में करेला का उत्पादन कर रहा है। इससे लगभग सालाना 20-25 लाख रुपये तक की आय होती है। करेला को बांस विधि से तैयार कर रहा है। जहां ऐसी खेती करने से काफी लाभ हुआ है, वहीं जल की काफी बचत होती है। गेहूं व धान की फसल को मात देती है सब्जियां जैसी अन्य फसलें। छोटी जोत के किसान अधिक मुनाफे के लिए दलहन, तिलहन, सब्जियों, फलों, फूलों की खेती करें। किसान सरकार की स्कीमों का लाभ उठाकर अपनी आय में बढ़ोत्तरी करें। स्वयं विभागों में जाकर विभिन्न स्कीमों के बारे में जानकारी हासिल करें।


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