कैथल (रमन), आज ।आज chc पूंडरी पर सुषमा जडोला की अध्यक्षता में इकठ्ठा हुई और मंच संचालन मेनका शर्मा और रोशनी राजौंद ने किया । सर्वकर्मचारी संघ से कृष्ण करोड़ा और सतीश जी ने सम्बोधित करते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लगातार अनाप-शनाप बयानबाजी की जा रही है विभाग की तरफ से सफेद झूठ बोला जा रहा है कि आशा वर्कर को ₹19000 मानदेय दिया जाता है वास्तव में आशा वर्कर को केवल ₹4000 फिक्स और कुछ इंसेंटिव्स दिए जाते हैं जो एवरेज में प्रति वर्कर 7500के आसपास बनते हैंl सरकारी कामों को अंजाम तक पहुंचाने में ही आशा के लगभग 2500 किराए में खर्च हो जाते हैं lजबकि सरकार आशा वर्करों से ऑनलाइन ऑफलाइन फील्ड वर्क तीन तरह से काम करने का दबाव बनाए हुए हैं । वर्तमान में आशा वर्कर्स स्वास्थ्य विभाग और सरकार की धमकियों से परेशान है । सीटू नेता नरेश और सत्यवान ने कहा, 2018 के बाद आशाओं के काम लगातार कई गुना बढ़ा दिए गए हैं परंतु आशाओं के मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई वर्ष 2018 के बाद महंगाई भी दोगुनी हो गई है कोरोना महामारी में भी आशा वर्कर्स ने बिना सुरक्षा उपकरणों के जनता की सेवा की सरकार द्वारा लगातार बढ़ रही बेकार और महंगाई की मार से परेशान होकर आशा वर्कर्स ने आंदोलन का निर्णय लिया हैl आज आशाओं के हड़ताल के 7 दिन पूरे हो गए है सरकार तानाशाही रुख अपनाए हुए हैं। इसलिए आशा वर्कर्स की हड़ताल को 17 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है l आशा वर्कर्स यूनियन सरकार से मांग करती है कि तानाशाही का रास्ता छोड़कर आशा वर्कर्स की मांग और समस्याओं को वार्ता के माध्यम से समाधान करे और फिर उसके बाद प्रदर्शन करते हुए पूंडरी विद्यायक रणधीर गोलन जी को मांगपत्र दिया उन्होंने हमारी बातचीत को आगे रख ने जो भी सहयोग उन से होव उस का आश्वसन दिया|
आशाओं की हड़ताल के करना आम जन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।सरकार और विभाग इसका जिमेदार है इसलिए जल्दी से जल्दी हमारी मांगों का समाधान किया जाए वरना आंदोलन और तेज होगा। पंचकुला की आशा वर्कर्स के साथ वहां के विधायक के इशारे पर पुलिस प्रशासन के द्वारा की गई बदसुलिकी की कैथल आशा वर्कर्स घोर निन्दा करती है| हड़ताल में मुख्य रूप से मौजूद रीना, प्रकाश फतेपुर ममता ढांड, प्रकाश कौल, उषा रोशनी, निर्मला दुल्यानी, संतोष,कविता, रानी,रानी हाबड़ी, सविता|
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